कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखंड उच्च न्यायालय में शासन की पैरवी के लिये रखे(आबद्ध)गए स्थायी अधिवक्ता अनुराग बिसरिया ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है।
अनुराग ने कहा है कि मुख्य स्थायी अधिवक्ता(सी.एस.सी.)महोदय के साथ काम करना न तो सम्मानजनक है और ना ही व्यावहारिक।
महाधिवक्ता को भेजे गए ज्ञापन में अनुराग बिसारिया ने कहा है कि कोविड-19 के समय शासन ने जिस तरह पूर्व से आबद्ध किये गए 17 अधिवक्ताओं को हटाया और उसके बाद 15 अधिवक्ताओं को पदोन्नति दी और 14 नए अधिवक्ता आबद्ध किये, वह शासन पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला है।
इस्तीफे का पत्र
उन्होंने कहा है कि इससे अच्छा यह होता कि अनियमित स्टेनोग्राफर को नियमित किया जाता और कुछ और स्टेनोग्राफर रखे जाते । जिससे अधिवक्ताओं की कार्यकुशलता बढ़ती ।
भाजपा नेताओं को भेजी प्रतिलिपि
इसके अलावा वर्तमान में हुई पदोन्नति और नई नियुक्ति पर भी उन्होंने सवाल उठाए । शासन को लिखे अपने पत्र में अनुराग ने कहा कि वर्तमान में उनके लिये स्थायी अधिवक्ता के रूप में काम करना अव्यवहारिक, असम्मान जनक और असुरक्षित हो गया है ।
अनुराग ने 8 सितंबर को लिखे अपने पत्र की प्रधानमंत्री, राष्ट्राध्यक्ष भाजपा, राज्यपाल उत्तराखंड, मुख्यमंत्री उत्तराखंड, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और श्रीमान सचिव न्याय एवं विधि परामर्श उत्तराखंड को प्रतिलिपि भेजी है ।