प्रभुपाल सिंह रावत
पौड़ी। यह रिखणीखाल राशन डिपो है, जहां गरीबों के हिस्से का राशन विभाग की लापरवाही से सड़ चुका है। अब इस को विभाग ठिकाने लगाने की सोच रहा है। करीबन 35 बोरी अनाज बारिश के पानी से सड़ चुका है। यह जानबूझकर किया गया कार्य है।
BPL उपभोक्ताओं को मिलने वाला फ्री का राशन अधिकारियों व डीलरों में बंट रहा है। गरीबों के हिस्से का राशन विभाग बांटता नही है गोदामों में सड़ा रहा है।सड़ा हुआ राशन जब डीलर के माध्यम से ग्रामीणों को मिलता हैं तो वे लेने से इनकार कर देते हैं। खाद्यान विभाग उस राशन को चारा बनाने वालों को बेच देते हैं और सरकारी पैसा अपने जेब में डाल देते हैं।
ग्रामीणों को दिया जाने वाला राशन जानवर भी नही खा रहे हैं। जमीन से उठाया गया राशन खड़पतवार मिट्टी धूल के साथ ही बोरी में भर कर डीलरों तक पहुचाया जा रहा है। जब इस बारे में अधिकारियों से बात की गई तो फूड इन्स्पेक्टर रिखणीखाल का कहना था कि ,-“फ्री का राशन इस से बेहतर कैसे मिलेगा ! क्या आप को बासमती के चावल भेजूं !” खाद्यान विभाग पौड़ी ने खानापूर्ति के लिए चावल की बोरी वापस मंगवाई और मामले को खत्म कर दिया।
सरकार की ओर से डीलर को 50 हजार का लेपटॉप 7 हजार का प्रिंटर 3 हजार का फिंगर प्रिंट मशीन मिला हुआ है। यह सब फ्री है ताकि डीलर हर उपभोक्ता का बिल ऑनलाइन कटे। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार हर ग्राहक का ऑनलाइन बिल कटना चाहिए। राशन की हर दुकान को ऑनलाइन होना चाहिये। बावजूद इस के अधिकारियों ने किसी भी डीलर को ऑनलाइन बिल काटने के लिये नही कहा। क्षेत्र का कोई भी डीलर राशन की डिटेल को ऑनलाइन नही कर रहा हैं।