उत्तराखंड क्रांति दल ने आज देहरादून स्थित लोकायुक्त कार्यालय तालाबंदी की तथा जमकर नारेबाज़ी की।
लोकायुक्त को लेकर धरने पर बैठे परमानंद बलोदी को उत्तराखंड क्रांति दल ने अपना समर्थन दिया है।
जब सरकार ने लोकायुक्त मांग को लेकर भू समाधि पर धरने पर बैठे परमानंद बलोदी का संज्ञान नहीं लिया तो आज लोकायुक्त कार्यालय पर तालाबंदी की गई।
उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि विगत 4 साल बाद भी भाजपा सरकार ने बिना लोकायुक्त से चल रहे कार्यालय पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हैं।
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि ऐसे कार्यालय का आखिर क्या औचित्य है, जब लोकायुक्त का ही गठन नहीं हुआ है ! या तो लोकायुक्त का गठन किया जाए या फिर ऐसे सफेद हाथी को बंद किया जाना ही ज्यादा बेहतर है।
इससे पहले उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक पुष्पेश त्रिपाठी ने अपने संबोधन में बताया कि परमानंद बलोदी ने विकास भवन से सूचना के अधिकार में भ्रष्टाचार को लेकर कई जानकारियाँ मांगी थी। इसमें मुख्य विकास अधिकारी ने भी साफ-साफ स्वीकार किया कि नरेगा सहित ग्राम विकास की कई सारी योजनाओं में भ्रष्टाचार हुआ है लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में कहा था कि 100 दिन के अंतर्गत लोकायुक्त का गठन कर दिया जाएगा किंतु 4 साल बीतने के बावजूद अभी तक लोकायुक्त का गठन ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
तालाबंदी के दौरान बड़ी संख्या में उत्तराखंड क्रांति दल के पदाधिकारी और नेता तथा कार्यकर्ता उपस्थित थे।
उपरोक्त पदाधिकारियों के अलावा केंद्रीय महिला मोर्चा की महामंत्री राजेश्वरी रावत, शकुंतला रावत, सुलोचना इस्तवाल, सरोज देवी, केंद्रीय युवा मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, जिला युवा मोर्चा की अध्यक्ष सीमा रावत, जिला अध्यक्ष केंद्र पाल सिंह तोपवाल,अरविंद बिष्ट, वीरेंद्र थापा,किशन सिंह मेहता, प्रमोद डोभाल, जोत सिंह गुसाईं, धनवीर रावत, समीर मुंडेपी, कमल कांत, अजित पवार, अनदीप सिंह नेगी, विकास सेमवाल, राजेन्द्र गुसाईं, विशन सिंह कंडारी, किरण कश्यप,मीनाक्षी सिंह, सरोज देवी, राहुल गड़िया आदि दर्जनो कार्यकर्ता शामिल थे।