खुलासा : कोड़िया चेकपोस्ट पर पुलिस ने ई-चालान ऑनलाइन भुगतान की वसूली के लिए रखा ध्याड़ी का मजदूर

अनुज नेगी

कोटद्वार।उत्तराखंड पुलिस लगातार अपने आपको अपडेट करने के साथ ही नए-नए प्रयोग करती रहती है। उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस ने ई-चालान के ऑनलाइन भुगतान की योजना चलाई है।  ताकि आम आदमी घर बैठे ही ई-चालान का ऑनलाइन भुगतान कर सके।

 

मगर जनपद पौड़ी के कोटद्वार कोड़िया चेक पोस्ट जो कि

 अति संवेदनशील चेक पोस्ट मानी जाती है।इस चेक पोस्ट पर मित्र पुलिस ने ई-चालान का  ऑनलाइन भुगतान के लिए स्थानीय ई-रिक्शा चालक को वसूली पर रखा है। अगर आपका इस चेक पोस्ट पर ई-चालान हो जाता है तो आपको ऑनलाइन भुगतान ई-रिक्शा चालक के खाते में करना पड़ेगा।

 

जी हा कोटद्वार थाने की अति संवेदनशील यूपी सीमा से लगी कोडिया चेक पोस्ट में तेजतर्रार अधिकारियों का एक अजब ग़जब कारनामा सामने आया है।इस चेक पोस्ट पर पुलिस के जवान के साथ ध्याड़ी के मजदूर भी अपनी सेवा देते हुए नजर आयेंगे।

 

दअरसल कल श्याम छ बजे  कोटद्वार निवासी अनुज नेगी देहरादून से कोटद्वार आ रहे थे,जो कि एक स्वतंत्र पत्रकार है,तभी कोड़िया चेक पोस्ट पर पुलिस चेकिंग के दौरान उनकी गाड़ी रोक दी गई, वाहन चालक के सीट बैल्ट नही पहने के कारण पुलिस के दरोगा द्वारा पांच सौ रुपये का ई- चालान किया गया और दरोगा जी द्वारा चालान का भुकतान नकद करने को कहा गया।

जब हमने दरोगा जी से नकद भुकतान करने से मना किया तो दरोगा जी ने चेकपोस्ट पर खड़े एक शख्स को बुला कर हमसे उनके मोबाइल पर चालन की राशि जमा करने को कहा गया।हमने भी इस शख्स को पुलिस का जवान समझ कर तुरंत पीयूष राजपूत नामक व्यक्ति के खाते में 500 रुपये का ई-भुकतान कर दिया।

तभी हमें इस ब्यक्ति पर शक होने लगा ऒर हमने भी अपनी पड़ताल सुरु कर दी ऒर उस शख्स का पता लगा दिया जिसका नाम पीयूष राजपूत उर्फ सोनू जो कि एक ई-रिक्शा चालक है। और कभी दिन ओर कभी रात को कोड़िया चेकपोस्ट पर पुलिस के साथ ध्याड़ी पर तैनात रहता है,ओर खनन ओर ट्रकों से वसूली करता दिखाई देता है।

अब सवाल यह कि कोटद्वार शहर की आति संवेदनशील चेक पोस्ट जो कि उत्तरप्रदेश की सीमा से लगी है। आखिर मित्र पुलिस को ऐसे व्यक्तियों की क्या जरूरत पड़ गई,जिसके खाते में पुलिस सरकारी पैसे का भुकतान करती है।

आखिर पुलिस ने इस चेकपोस्ट  पर ई-चालान के भुकतान में लिए स्वैप मशीन या पुलिस के सरकारी खाते की व्यवस्था क्यों नही है। कहीं पुलिस और ई-रिक्शा चालक का वसूली का बड़ा राज तो नही,  आखिर पुलिस को इस चेकपोस्ट पर एक ई-रिक्शा चालक की क्या जरूरत पड़ गई। क्या उत्तराखंड पुलिस के पास जवानों कमी पड़ गई है, जिसके कारण अब पुलिस को ध्याड़ी पर जवान तैनात करने पड़ रहे है।

वही हमने जब अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चंद सुयाल जी से बात की तो उन्होंने कहा कि ई-चालान का भुकतान केवल स्वैप मशीन से किया जाता है। और पुलिस ने आपका नकद के तौर पर चालान किया होगा।

 

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