रिपोर्ट / भास्कर चुग
हरबर्टपुर में एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें देहरादून डाकपत्थर रूट की एक बस, जो कि डाकपत्थर से देहरादून जा रही थी, डिवाइडर पर लगे होर्डिंग/ यूनीपोल से टकरा गई l
इस हादसे में बस चालक अशोक कुमार(जो कि डाकपत्थर के निवासी बताए जा रहे हैं)की मौत हो गई और बस कंडक्टर भी गंभीर रूप से घायल हो गया l बस में कई यात्री और स्कूली बच्चे भी सवार थे उनको भी चोटें आई हैं l
हादसे का कारण कुछ लोग घने कोहरे को बता रहे हैं, तो कुछ लोग देहरादून डाकपत्थर बस ऑपरेटर यूनियन के लेटिंग सिस्टम को हादसे का कारण बता रहे हैं l
लेकिन इस हादसे के मुख्य कारण की तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है l
असल में यह हादसा राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ है और माननीय उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी प्रकार का कोई होर्डिंग या यूनीपोल आदि नहीं लगाया जा सकता l
गौरतलब बात यह है कि बस भी इसी होर्डिंग / यूनीपोल से टकराई है l अब से कुछ वर्ष पूर्व भी कुछ मानव अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा चलाई गई मुहिम के बाद उत्तराखंड सूचना आयोग ने एक आदेश जारी किया था, जिसके अनुपालन में बड़ी जद्दोजहद के बाद उस समय हरबर्टपुर से लेकर और बाढ़ वाला तक सभी होर्डिंग / यूनीपोल प्रशासन ने ध्वस्त कर दिए थे l
लंबे वक्त तक एनएच पर कोई होर्डिंग अथवा यूनीपोल नहीं था , कुछ समय पूर्व पुनः हरबर्टपुर नगर पालिका ने होर्डिंग एवं यूनीपोल लगाने का टेंडर जारी किया और यह पुनः लगवा दिए l
प्रश्न यह उठता है कि क्या उच्चतम न्यायालय का यह आदेश अब निष्प्रभावी हो गया है, जिसके अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर उक्त प्रचार सामग्री नहीं हो सकती? या फिर नगरपालिका ने राष्ट्रीय राजमार्ग लोक निर्माण विभाग से इसके लिए कोई स्पेशल अनुमति प्राप्त की है जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर हरबर्टपुर में उक्त होर्डिंग / यूनीपोल दोबारा लगा दिए? बरहाल यह तो जांच का विषय है कि वास्तविकता क्या है, परंतु यह स्पष्ट है कि कुछ लोगों की पैसा कमाने की भूख ने उक्त बस के चालक अशोक कुमार के परिवार से सहारा छीन लिया l