उत्तराखंड में रोजगार एक बड़ा मुद्दा बन चुका है| शिक्षित बेरोजगारी की दर दिन प्रतिदिन अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है|
आपको बता दें कि, उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर कैलेंडर तिथि की बढ़ती हुई तिथियों के समान बढ़ रही है|
प्रदेश में रोजगार के नाम पर सिर्फ सरकारी सेवा ही वर्तमान में एकमात्र विकल्प है क्योंकि, प्रदेश में रोजगार के अन्य साधनों की कमी साफ दिखाई देती है| आपको बता दें कि, उत्तराखंड में हल्ला बोल करते हुए आज तकनीकी छात्रों ने भी रोजगार के लिए सड़क पर उतर कर अपना बिगुल फूंका|
आपको बता दे कि, छात्रों का आरोप है सरकार ने विगत 4 सालों से उनकी तकनीकी शिक्षा के लिए कोई भी विज्ञप्ति जारी नहीं की है| तकनीकी बेरोजगार छात्रों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार रोजगार के मुद्दे पर सिर्फ आश्वासन दे रही है| जब तक उन्हें लिखित समाधान नहीं मिल जाता है वे आंदोलन से हटेंगे नहीं|
कुल मिलाकर रोजगार की समस्या उत्तराखंड के लिए विकट समस्या बन चुकी है एवं सरकार रोजगार के नाम पर सिर्फ स्वरोजगार का ढिंढोरा पिटती है|