उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष कोरोना कानूनों का नही बल्कि रोज जुर्माना भुगत रही जनता का उड़ा रहे हैं मजाक
सवाल कोरोना कानूनों का लगातार उल्लंघन कर रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर नहीं, सवाल व्यवस्था पर है।
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत लगातार कोविड-19 कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस पार्टी कई बार अलग-अलग जिलों में मुकदमा दर्ज करने की बात कह चुकी है, लेकिन तमाम उठते सवाल और विवाद के बावजूद बंशीधर भगत कोरोना कानूनों को मानने के लिए तैयार नहीं है तो सवाल बंशीधर भगत पर नहीं बल्कि पूरी उत्तराखंड की व्यवस्था पर है।गुरुवार को एक फिल्म शूटिंग के मुहूर्त के दौरान आयोजित कार्यक्रम में बंशीधर भगत हल्द्वानी मेयर जोगिंदर सिंह तथा अन्य भाजपा नेताओं के साथ बिना मास्क के, बिना सोशल डिस्टेंसिंग के कोविड-19 का मजाक उड़ाते हुए नजर आए। उनके खिलाफ कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने पुलिस को तहरीर भी दी लेकिन बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के कानून उल्लंघन से कहीं बड़ी है।
सोमवती अमावस्या पर उल्लंघन
इससे पहले 20 जुलाई को सोमवती अमावस्या के दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के साथ हरिद्वार के दक्ष मंदिर में पूजा अर्चना के लिए गए। जबकि उसी मंदिर के बाहर पूजा अर्चना पर रोक होने संबंधी नोटिस चस्पा था। उसी दिन हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची को बैरंग लौटाया गया था। हरिद्वार प्रशासन ने स्पष्ट कह रखा था कि यदि कोई भी धार्मिक स्नान के लिए हरिद्वार आया तो फिर उन्हें 14 दिन का क्वारंटाइन करना होगा। इसी दिन प्रदेश भर में आम जनता से कोविड-19 के उल्लंघन को लेकर सैकड़ों मुकदमे हुए और लाखों रुपए जुर्माने की वसूली की गई। किंतु बंशीधर भगत दल बल के साथ पूजा अर्चना कर आए।
रुडकी मेयर के भाजपा वापसी कार्यक्रम मे उल्लंघन
इससे पहले बंशीधर भगत देहरादून में रुड़की के मेयर की भाजपा वापसी के कार्यक्रम में खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर तमाम नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते नजर आए। लेकिन तब भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसके अलावा बंशीधर भगत कुमाऊं में तमाम कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसी अनिवार्यता को ठेंगा दिखाते रहे। उन्होंने यह बयान तक दिया कि “कोरोना जिसको होना होता है, हो जाता है, जिसको नहीं होना होता है नहीं होता।”शायद इसीलिए कोरोना काल में यह चुटकुला बना है कि कोरोनावायरस और इश्क में एक समानता है,जब तक खुद को नहीं हो जाता, मजाक ही लगता है। बंशीधर भगत को भले ही कोरोनावायरस मजाक लगता हो लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से उन्होंने कोविड-19 कानूनो का जिस तरह से मजाक बनाया है और उस पर सरकार तथा शासन प्रशासन की जो चुप्पी है, वह कोरोना का मजाक नही बल्कि कोरोना कानून के उल्लंघन के नाम पर रोज औसतन 5 से 7लाख जुर्माना भरती उत्तराखंड की आम जनता का मजाक है।