अनुज नेगी
देहरादून।उत्तराखंड में दिन प्रतिदिन तेजी से बेरोजगारी बढ़ती जा रही है,मगर प्रदेश सरकार इसके प्रति जरा भी चिंतित नही दिख रही है।
केंद्रीय श्रम बल सर्वेक्षण में उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर 14 प्रतिशत आंकी गई है। 2017 में प्रदेश के नियोजन विभाग की ओर से किए गए सर्वे में सामने आई बेरोजगारी दर से यह करीब तीन गुना अधिक है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर 2019 मार्च तक किए गए सर्वे से प्रदेश में बेरोजगारी का यह आंकड़ा निकल कर आया है। इससे पहले 2017 में प्रदेश के नियोजन विभाग ने मानव विकास रिपोर्ट तैयार करते समय भी प्रदेश में बेरोजगारी को लेकर सर्वे किया था।2019 में जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में बेरोजगारी दर 4.2 है। 2003-04 में यह दर मात्र 2.1 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि प्रदेश में किसी न किसी तरह के रोजगार में लगे लोगों की संख्या (वर्क पार्टिसिपेशन ) करीब 45 प्रतिशत है।
प्रदेश में सेवा योजन कार्यालयों में 86 हजार ने कराया पंजीकरण
– प्रदेश के सेवायोजन कार्यालयों में सात लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया हुआ है। प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 में 86 हजार युवाओं ने पंजीकरण कराया है।
एक नजर
रोजगार वर्ष में अधिक से अधिक सरकारी नौकरी, करीब 56 हजार पद खाली, 28 हजार पदों पर तैनाती की कोशिश।
मुद्रा योजना – दिसंबर 2018 तक करीब दो लाख लोगों को 2877 करोड़ का कर्ज दिया गया।