पुरोला, अप्रैल 2025: नीरज उत्तराखंडी
उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2025 में पुरोला की दो दिव्यांग छात्राओं ने असाधारण प्रदर्शन कर न सिर्फ अपने परिवार और शिक्षकों का सिर गर्व से ऊंचा किया, बल्कि पूरे समाज को यह संदेश दिया कि आत्मविश्वास, समर्पण और उचित मार्गदर्शन के बल पर कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।
शत-प्रतिशत दृष्टिबाधित छात्रा प्रियांशी ने हाईस्कूल परीक्षा में 75% अंक प्राप्त किए, जबकि उनकी साथी रक्षा ने 61% अंकों के साथ सफलता की उड़ान भरी। इन दोनों छात्राओं का यह प्रदर्शन न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
दोनों छात्राएं परमार्थ विजय पब्लिक स्कूल (दिव्यांग छात्रावास) की आवासीय छात्राएं हैं और वर्तमान में राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मुराड़ी में अध्ययनरत हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं से हुई थी। परमार्थ विजय पब्लिक स्कूल विगत कई वर्षों से दिव्यांग बच्चों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने की राह भी दिखा रहा है।
इस प्रेरणादायक पहल के पीछे हैं समाजसेविका और विद्यालय की संस्थापिका विजय लक्ष्मी जोशी, जिन्होंने वर्ष 2007 में दिव्यांग बच्चों के लिए इस विशेष विद्यालय की नींव रखी थी। आज उनके प्रयासों से कई दिव्यांग छात्र-छात्राएं सरकारी नौकरियों में कार्यरत हैं और समाज में सशक्त रूप से अपनी पहचान बना चुके हैं।
विजय लक्ष्मी जोशी का कहना है:
“हर बच्चा विशेष होता है, बस जरूरत होती है सही अवसर और सहारे की।”
उनका यह दृष्टिकोण आज हजारों बच्चों के जीवन में आशा की नई किरण बन चुका है।
प्रियांशी और रक्षा की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर सही मार्गदर्शन, सहयोग और शिक्षा मिले तो दिव्यांगता कोई बाधा नहीं बनती — बल्कि एक नई कहानी लिखी जा सकती है।
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