उत्तराखंड में भले ही 8 सालों से अधिक समय से लोकायुक्त का पद रिक्त हो ,लेकिन लोकायुक्त कार्यालय को लोक सेवको के विरूद्ध शिकायते लगातार प्राप्त हो रही है।
इससे इस बात को बल मिलता है कि शिकायतों पर कार्यवाही की आशंका के चलते प्रदेश के जिम्मेदार लोक सेवको द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति में रूचि नही ली जा रही है जबकि इसके लिये सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त आदेश कर दिये हैं तथा भ्रष्टाचार के आरापों में आई.ए.एस.अधिकारी जेल जा रहे है तथा सरकार लगातार जीरो टाॅलेरेन्स का दावा कर रही है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने लोकायुक्त उत्तराखंड कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से उत्तराखण्ड लोकायुक्त कार्यालय में प्राप्त शिकायतों व उसने निस्तारण के संबंध में सूचनाये मांगी थी। इसकें उत्तर में लोक सूचना अधिकारी ने अपने पत्रांक 304 दिनाक 15 जून 2022 से प्रथम लोकायुक्त जस्टिस एच.एस.ए.रजा के कार्य भार ग्रहण करने की तिथि 24.10.2002 सें दूसरे व अब तक के अंतिम लोकायुक्त जस्टिस एम.एम.घिल्डियाल के कार्यभार छोड़ने की तिथि 31.10.2013 तथा इसकेें उपरान्त लोकायुक्त का पद रिक्त रहने की तिथि 01.11.2013 से 11.10.2021 तक प्राप्त व निस्तारित शिकायतों के विवरणो की फोटो प्रतियां उपलब्ध करायी है ।
उपलब्ध विवरणों के अनुसार प्रथम लोकायुक्त द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से सूचना उपलब्ध कराने की तिथि दिनाक 15-06-2022 तक लोकायुक्त कायोलय को कुल 8535 भ्रष्टाचार आदि की शिकायते/परिवाद लोक सेवको के विरूद्ध प्राप्त हुई, इसमे से 970 शिकायते लोकायुक्त का पद रिक्त रहने के दौरान प्राप्त हुई। इनमें से कुल 6920 शिकायतों का निस्तारण लोकायुक्त रहने के दौरान किया गया तथा कुल 1615 शिकायतें 15 जून 22 कोें लोकायुक्त कायोलय में लोकायुक्त के इंतजार में लम्बित है।
उपलब्ध विवरण के अनुसार लोकायुक्त कार्यालय द्वारा निस्तारित कुल 6920 शिकायतों में 477 शिकायतों में सीधे राहत प्रदान की गयी,जबकि 6443 शिकायतों को परीक्षणोपरान्त विभागो को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित एवं निस्तारित कर दिया गया।
लोकायुक्त का पद रिक्त होने की तिथि 01-11-2013 सेें सूचना उपलब्ध कराने की तिथि 15 जून 2022 तक प्राप्त शिकायतों में 01-11-2013 से 31-12-2014 तक 422, वर्ष 2015 में 181, वर्ष 2016 में 97, वर्ष 2017 में 86, वर्ष 2018 में 54, वर्ष 2019 में 67, कोविड महामारी के वर्ष में भी 24 शिकायतें (परिवाद) तथा 2021 में 22 शिकायतें प्राप्त हुई है तथा 2022 में 15 जून 2022 तक 7 शिकायतेें प्राप्त हुई है। इस प्रकार कुल 1615 परिवाद (भ््राष्टाचार की शिकायते) लोकायुक्त के इंतजार में लम्बित है।