उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले मे 25वीं गिरफ़्तारी एसटीएफ ने की।
आयोग जिस कंपनी से भर्ती के पेपर छपवाता था, उसी कंपनी का मालिक राजेश चौहान गिरफ्तार हो गया।
एसटीएफ ने पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर राजेश चौहान को गिरफ्तार किया।
RIMS कंपनी के मालिक द्वारा कंप्यूटर से पेनड्राइव के माध्यम से प्रश्रपत्र डाउनलोड कर केन्द्रपाल को उपलब्ध कराया था।
बड़ा सवाल यहा खड़ा होता है कि आयोग ने जिस कंपनी को पेपर छपवाने का ठेका दिया जब उसी का मालिक गिरफ्तार हो गया हो तो क्या अन्य भर्तियों में धांधली नहीं हुई होगी!