उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों के सैकड़ों उद्यमी सेंट्रल जीएसटी के निशाने पर हैं। इन सभी को पिछले पांच साल के व्यापारिक लेन-देन समेत कई गतिविधियों के साथ तलब किया है,जिसके बाद से ही हलचल मची हुई हैं।
उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में देहरादून, हरिद्वार, उद्यमसिंह नगर के सैकड़ों उद्यमियों को सेंट्रल जीएसटी ने नोटिस भेजा है।
कुल पांच हजार उद्यमियों को नोटिस भेजा गया हैं, इन उद्यमियों में उत्तराखंड के साथ यूपी के कानपुर, लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी समेत कई शहरों के उद्यमी शामिल हैं।
इन सभी उद्यमियों से सीजीएसटी की ओर से वर्ष 2019 से 2024 के दौरान किए गए व्यापारिक लेन-देन का पूरा विवरण मांगा गया है।
वाइस चेयरमैन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर धर्मेंद्र श्रीवास्तव का कहना हैं कि पांच साल के व्यापारिक हिसाब- किताब का विवरण मांगना सीजीएसटी कानून के अनुपालन की महत्वपूर्ण प्रकिया है। इसे लेकर नोटिस दिए जा रहे हैं। नया कानून होने से जुर्माना लगाने में उद्यमियों को राहत देनी चाहिए।
दरअसल,धारा-35 के तहत उद्यमियों को विवरण देने के लिए 10 दिन का समय दिया है। जानकारी के अनुसार,उद्यमियों को पांच साल के समस्त माल की खरीद- बिक्री, भुगतान का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत करना है। माल कहां से खरीदा और बेचा, भुगतान करने का तरीका क्या रहा, इसकी एक एक जानकारी सीजीएसटी को साक्ष्य के साथ देनी है।