देहरादून, जुलाई 2025 – उत्तराखंड के बहुचर्चित कार्बेट टाइगर रिजर्व घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा कदम उठाते हुए विशेष न्यायालय (PMlA) में चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह मामला भाजपा सरकार के दौरान हुए पेड़ों की अवैध कटाई और अवैध निर्माण से जुड़ा है, जिसमें तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
6000 से अधिक पेड़ों की कटाई, ईडी की बड़ी कार्रवाई
ED ने चार्जशीट में पूर्व डीएफओ किशन चंद, पूर्व डीएफओ अखिलेश तिवारी, पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा और पूर्व रेंजर मथुरा सिंह को नामजद किया है। ये सभी अधिकारी कार्बेट टाइगर रिजर्व में भारी पैमाने पर हुए पर्यावरणीय नुकसान और वित्तीय अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार बताए गए हैं।
जब्त की गई 1.75 करोड़ की संपत्ति
ईडी ने हाल ही में पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा की पत्नी राजलक्ष्मी शर्मा और पूर्व डीएफओ किशन चंद के पुत्रों – अभिषेक कुमार सिंह व योगेंद्र कुमार सिंह – के नाम पर दर्ज 1.75 करोड़ रुपये की संपत्ति भी प्रारंभिक रूप से जब्त की है। इनमें हरिद्वार और बिजनौर (उ.प्र.) में स्थित कई प्लॉट शामिल हैं।
31.8 करोड़ की संपत्ति पहले ही जब्त
पूर्व डीएफओ किशन चंद पर इससे पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। दिसंबर 2023 में ईडी ने हरिद्वार-रुड़की क्षेत्र में 31.8 करोड़ रुपये की संपत्तियां जैसे स्कूल, स्टोन क्रशर, भवन व भूमि को जब्त किया था, जिसे बाद में अंतिम रूप से ज़ब्त कर लिया गया।
ईडी अधिकारियों के अनुसार, आरोपितों ने घोटाले की रकम को परिजनों के नाम पर संपत्ति खरीदकर वैध बनाने की कोशिश की थी।
CBI पहले ही कर चुकी है चार्जशीट दाखिल
इस मामले में सबसे पहले कार्रवाई उत्तराखंड विजिलेंस ने की थी और मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने 11 अक्टूबर 2023 को केस अपने हाथ में लिया और चार्जशीट दाखिल की। अब ईडी की कार्रवाई से आरोपितों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
घोटाले की राशि 215 करोड़ से अधिक
कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज से जुड़ा यह मामला 215 करोड़ रुपये से अधिक के निर्माण और विकास कार्यों से संबंधित है। जांच एजेंसियों को शक है कि बड़े स्तर पर पेड़ों की कटाई और अवैध निर्माण में वित्तीय अनियमितताएं हुईं, जिसमें कई अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई है।


