रिपोर्ट / गिरीश चंदोला
थराली / देवाल सुदूरवर्ती गांव राजकीय इंटर कॉलेज घेस अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा हैl
सरकार एक और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की बात करती है, वही विद्यालयों एवं विद्यालय में तैनात शिक्षकों के हाल इन तस्वीरों से साफ जाहिर होते है कि लापरवाही करने वाले शिक्षकों की मनमानी से इन नौनिहालों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा हैl
विद्यालय में शिक्षकों की कमी एवं अध्यापकों की लापरवाही के चलते यहां के नौनिहालों के भविष्य पर संकट मंडराता नजर आ रहा है ।
वही छात्र-छात्राएं विद्यालय के छतों कक्षाएं संचालित हो रही हैं,छात्र-छात्राएं पठन-पाठन का काम बिना अध्यापकों के ही कर रहे हैंl
इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कुर्सियां खाली पड़ी हुई हैं,अध्यापक धूप में बैठे हैं और कक्षाओं से नदारद रहते हैं ।
सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शिक्षा में सुधार लाने की बात करते हैं, लेकिन वही पहाड़ी क्षेत्रों के दूरस्थ विद्यालयों में शिक्षकों की लापरवाही से छात्रों का भविष्य किस और अंधकार में हो रहा है यह विद्यालय में बैठे छात्र छात्राओं के सामने रखी खाली कुर्सियां बयां कर रही हैंl
जब इस संदर्भ में विद्यालय के प्रधानाचार्य संदीप कुमार जानने की कोशिश की उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी है और वर्तमान में विद्यालय में 8 टीचर मौजूद हैं लेकिन प्रधानाचार्य के गोलमोल जवाब से यह साफ जाहिर होता है छात्र छात्राओं को पढ़ाने में अध्यापक कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, ऐसे में इन नोनिहालो के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।