हल्द्वानी, 02 जनवरी 2025:
हरिपुर जमन सिंह और आस-पास के गांवों में बाघ के लगातार बढ़ते हमलों ने स्थानीय ग्रामीणों को डरा दिया है,बीती रात एक पालतू कुत्ते को बाघ द्वारा उठा ले जाने की घटना ने इस डर को और गहरा कर दिया है,पहले भी पालतू जानवरों के गायब होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन वन विभाग का रवैया अब भी लापरवाह बना हुआ है।
ग्रामीणों की सुरक्षा के सवाल पर वन विभाग विफल
ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग केवल नाम मात्र की कार्रवाई कर रहा है,गश्त के लिए भेजे गए कर्मचारियों के पास न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही सुरक्षा के आधुनिक उपकरण, इससे न केवल ग्रामीणों की सुरक्षा खतरे में है बल्कि वन्यजीवों को भी उचित संरक्षण नहीं मिल पा रहा है।
किसान मंच और संघर्ष समिति ने उठाई आवाज
किसान मंच और किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति ने वन विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताई है।,संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने कहा, “यह मामला केवल वन्यजीवों का नहीं है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन और आजीविका का भी सवाल है। हमारी मांग है कि वन विभाग तुरंत कदम उठाए।”
संगठन की प्रमुख मांगें:
1. बाघ को पकड़ने के लिए ट्रैप कैमरों की स्थापना।
2. सुरक्षा गश्त को प्रभावी बनाना।
3. ग्रामीणों को वन्यजीव हमलों से बचाने के लिए जागरूकता और संसाधन उपलब्ध कराना।
न्यायिक हस्तक्षेप की चेतावनी
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो मामला उच्च न्यायालय तक ले जाया जाएगा,इसके साथ ही बड़े स्तर पर आंदोलन की भी तैयारी है।
ग्रामीणों का समर्थन बढ़ा
घटनास्थल पर उपस्थित स्थानीय ग्रामीणों, जिनमें ललित मोहन भट्ट, विशाल बजावल और पारेश्वर नेगी महेश चंद्र तिवारी,शुभम जोशी,शिवराज सिंह खड़ाई आदि शामिल हैं,ने कहा कि वे इस मामले में संगठनों का पूरा साथ देंगे।
सरकार और वन विभाग के लिए संदेश
इस घटना ने एक बार फिर से वन विभाग की तैयारी और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं,ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अब प्राथमिकता बनना चाहिए।