पर्वतजन न्यूज/अल्मोड़ा
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में जहां खेती अब भी जीवन की रीढ़ है, वहां किसानों की समस्याओं को सुनने और समाधान के लिए आगे आने वाले संगठनों की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही है। खासकर जब कृषि घाटे का सौदा बनती जा रही हो और सरकारी योजनाएं महज़ कागजों में सिमट कर रह गई हों, ऐसे में एक मजबूत, ईमानदार और गैर-राजनीतिक किसान संगठन की ज़रूरत पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।
इसी दिशा में किसान मंच ने राज्यभर के किसानों की आवाज़ को संगठित करने के लिए संगठनात्मक विस्तार की शुरुआत की है, इसी क्रम में मंच ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण नियुक्ति करते हुए चंदन सिंह (निवासी ग्राम भटकोट, चौखुटिया, जनपद अल्मोड़ा) को प्रदेश उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है।यह नियुक्ति मंच के प्रदेश अध्यक्ष किसान पुत्र कार्तिक उपाध्याय द्वारा की गई।
किसान मंच के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में आज भी किसान मूलभूत संसाधनों और सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। “हमारे किसान खेत में पसीना बहाते हैं, लेकिन नीति निर्धारण में उनकी कोई भागीदारी नहीं है। किसान मंच एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है जो न केवल किसानों की समस्याओं को उठाएगा बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों से सीधे संवाद करेगा।”
नवनियुक्त प्रदेश उपाध्यक्ष चंदन सिंह ने भी साफ कहा कि राज्य की राजनीति में किसान कहीं खो गया है। “हर मुद्दे पर नेताओं की बयानबाज़ी होती है, मगर किसानों के मुद्दे केवल चुनावी भाषणों तक सीमित रह जाते हैं। अब वक्त आ गया है कि किसान खुद अपनी आवाज़ बनें। किसान मंच इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड जैसे राज्य में, जहां खेती धीरे-धीरे उपेक्षित होती जा रही है, वहां एक ऐसा संगठन जो न तो किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हो और न ही सत्ता की चाटुकारिता करता हो, किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण हो सकता है।
इस नियुक्ति के साथ किसान मंच ने संकेत दे दिया है कि आने वाले समय में वह न केवल संगठन को जमीनी स्तर तक विस्तार देगा, बल्कि संघर्षशील किसानों को नेतृत्व में लाकर नीति और नीयत दोनों पर सवाल खड़े करेगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि यह मंच कितनी दूर तक किसानों की बात को नीति-निर्धारकों के कानों तक पहुंचा पाता है, और क्या वास्तव में यह गैर-राजनीतिक किसान संगठन किसानों के लिए एक सशक्त विकल्प बन पाएगा।