अनुज नेगी
पौड़ी।पहाड़ो में भी अब भू-माफियों सक्रिय होते जा रहें है। वहीं अब भू-माफियों की नजर सरकारी बंजर भूमि है।
पहाड़ों में करोड़ो की लागत से लग रहे सोलर प्लांट की आड़ में भू माफिया ग्रामसभा की सरकारी भूमि पर कब्जा कर के लाखों हरे भरे पेड़ काट कर चांदी काट रहे है।
ताजा मामला एकेश्वर ब्लॉक के ग्रामसभा गोरली का है जहाँ पर भू-माफियों ने काश्तकारों की तीन सौ नाली व दो सौ नाली सरकारी भूमि पर हज़ारों हरे भरे पेड़ो पर आरिया चला दी गई मगर जिम्मेदार प्रशासन कुम्भकर्ण की नींद से जागने का नाम ही नही ले रहा है।
एक तरफ जहां सरकार हरेला पर्व मना कर वृक्षारोपण कर रही है सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक जगह-जगह जाकर वृक्षारोपण कर रहे हैं मगर विडंबना देखिए एक तरफ सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक वृक्षारोपण कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पर्वतीय क्षेत्रों में सोलर प्लांट के नाम पर कई सो पेड़ों कुल्हाड़ी चलाकर बलि चलाई जा रही है चौंकाने वाली बात तो यह है बिना परमिशन के इन हजारों हरे पेड़ों की बलि वन विभाग राजस्व विभाग की नाक के नीचे काटे जा रहे हैं अगर ग्रामीण इसका विरोध करते हैं तो उच्च अधिकारियों के मातहत काम करने वाले कर्मचारी इन पेड़ों को झाड़ियां बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते वह भी झाड़ी कटान के नाम पर ऐसा ही मामला एक प्रकाश में आया है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की विधानसभा चौबटाखाल मे जहां भू माफिया द्वारा सोलर प्लांट लगाने के नाम पर भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर उस जमीन को लीज ले लिया । मात्र हज़ार रुपए नाली सालाना के नाम पर दस्तावेजोंं में हेराफेरी कर लीज पर ले लिया बताते हैं। बंजर खेतोंं पर भूमि पर वनीकरण के नाम पर कई सौ पेड लगाए गए थे। जिन पौधों को बढ़ने में कम से कम 10 से 12 साल लग गए उन पेड़ों को भू माफियाओं ने एक झटके में कुल्हाड़ी चलाकर किसकी अनुमति दकर नेस्तनाबूद कर दिया। इसी मामले को लेकर गोरली गांव की महिलाओं और युवाओं और बुजुर्गों ने जब जब पता चला। कि बिना सहमति के इन हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी क्यों चलाई गई। उन्होंने इन हरे पेड़ों बेदर्दी से काटने के मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया वहीं गोरली गांव की महिलाओं का कहना था इस जमीन पर हम कई सालों से अपने चारागाह के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे जिससे हमें रोजगार अपने गायों और पशुओं के लिए चारा मिलता था आज भू माफियाओं ने उन हरे पेड़ों पर आरी और कुल्हाड़ी चलाकर नेस्तनाबूद कर दिया है जब इसका संज्ञान उच्च अधिकार तक पहुंचाया गया तो उनका कहना था कि इसकी हमको शिकायत मिली ही नहीं इसलिए हमने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया अब सवाल यह होता है कि शिकायत मिलने के बाद ही क्या उच्च अधिकारी कार्यवाही करेंगे़। वहीं ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया तो हम उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे और अपने वनों को बचाने के लिए लड़ेंगे।
वहीं सूत्रों की माने तो इस करोड़ो के प्रोजेक्ट में एक पीसीएस ओर एक अपर अभियंता का बड़ा हाथ माना जा रहा है।
“ग्रामीणों की शिकायत मिली है कुछ बाहर के लोगोँ ने हरे पेंडो का अवैध पातन किया है और सरकारी व लोगो की निजी भूमि को खुर्द बुर्द करके वहाँ पर सोलर प्लांट लगाया जा रहा है। ——-
संदीप कुमार – उपजिलाधिकारी सतपुली
“ग्राम गोरली में नापभूमि व सरकारी भूमि पर अवैध रूप से दो सौ से तीन सौ हरें पेड़ों का पातन किया गया है,हम मौके पर गए थे ओर जल्द ही उन लोगो पर क़ानूनी कार्यवाही की जायेगी।” – ——
सोहन सिंह बिष्ट – डिप्टी रेंजर दमदेवल