यूपी आवास विकास की संपत्तियों के खरीद बिक्री की तैयारियां पूरी कर ली गई है। जिसे अब मात्र बोर्ड की बैठक में रखकर लागू किया जाएगा।
यूपी आवास विकास की इन संपत्तियों की कीमत लगभग 2000 करोड़ से ऊपर की है। इन सब पत्तियों से आने वाली आय का हिसाब दोनों प्रदेशों में आधा-आधा बांट लिया जाएगा।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद के निर्देशों के बाद उत्तराखंड एवं नगर विकास प्राधिकरण ने इसके लिए नियमों का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
2006 में उत्तराखंड सरकार ने युपी की आवास विकास की संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी थी। इस पर यूपी सरकार का कहना था कि यह संपत्ति उनकी है, इसलिए इस पर रोक स्वीकार नहीं की जाएगी। मामला हाईकोर्ट में गया था, 2015 में हाईकोर्ट से भी यूपी पर रोक का आदेश जारी किया था।
पिछले वर्ष युपी व उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के बीच मामले को लेकर समझौता हुआ, जिसमे तय हुआ था कि यूपी आवास विकास की जमीनों का आवंटन यूपी उत्तराखंड मिलकर करेंगे।
इन सब पत्तियों से आने वाली आय को कानूनी देनदारी का भुगतान करने के बाद बाकी रकम आधी-आधी बंट जाएगी।
इन संपत्तियों से रोक हटने के बावजूद भी विनियम तैयार न होने की वजह से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। मंत्री प्रेमचंद आवाल ने निर्देश दिए थे कि इन जमीनों के आवंटन, दाखिल खारिज आदि के लिए विनियम बनाएं। जिसका विनियम अब तैयार हो चुका है अब इसे बोर्ड बैठक में पार करके लागू करना है।