रिपोर्ट ललित बिष्ट
पहाड़ में शिक्षा व्यवस्था पर उत्तराखंड सरकार का कितना जोर है इसका उदाहरण अगर आपको देखना है तो एक बार द्वाराहाट के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज उभ्यारी जरूर आये।
यहाँ कोई बच्चा घंटी बजाते हुए मिलता है तो कोई झाड़ू लगाते हुए।
अभी 2 वर्ष पूर्व ही इस विद्यालय में इंटरमीडिएट की कक्षाएं शुरू की गई है।
और आज यहाँ प्रधानाचार्या से लेकर सहायक अध्यापिकाओं के पद रिक्त चल रहे है।
जिसमें सहायक अध्यापिका अंग्रेजी और गणित का पद रिक्त चल रहा है।
विज्ञान की सहायक अध्यापिका के पद रिक्त चल रहा है।
सामाजिक विज्ञान की सहायक अध्यापिका मातृत्व अवकाश पर चल रही है।
जबकि सहायक अध्यापिका कला को राजकीय बालिका इंटर कालेज रानीखेत सम्बद्ध किया जा चुका है।किंतु उनका वेतन यही से जा रहा है।
साथ ही लेक्चरर हिंदी, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान,भौतिक विज्ञान के समस्त पद रिक्त चल रहे है।
इस स्थिति को देखकर आप अनुमान लगा सकते कि यहाँ पढ़ने वाली छात्राओं की किस स्तर की शिक्षा मिल रही होगी।
विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यपिका ने व्यवस्था बनाने के लिये 1 दिन का विवेकाधीन अवकाश घोषित कर स्कूल बंद कर दिया है।जिससे आप यहाँ की व्यवस्था का अनुमान लगा सकते है।
अभिवावकों का कहना है कि कई बार विभागीय अधिकारियों से विद्यालय के माध्यम से पत्राचार किया जा चुका है लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई ।
अब जल्द ही एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।