अनुज नेगी
लैंसडौन।
पहाड़ो में दिनप्रतिदिन जल स्रोत सूखने के कगार पर है मगर सरकार इस ओर कोई ध्यान नही दे रही है।
वहीं सूखते जलस्रोतों और घटते भूजल स्तर चिंता का सबक बना हुआ है।
एक और सरकार पहाड़ों में पर्यटन को बढ़ाव दे रही है।
वहीं दूसरी ओर प्रशासन के भृष्ट अधिकारी पहाड़ों में बन रहे होटलों में पानी के लिए बोरिंग करा रहे है,जिसके कारण गांव के जलस्रोत सूखने के कगार पर है।
ताजा मामला लैंसडाउन तहसील के दुगड्डा – लैंसडौन मोटर मार्ग पर बन रहे दर्जनों होटलों में हो रहे पानी की बोरिंग से पुराने जलस्रोत सूखने लगे है जिसके कारण ग्रामीणों में जल संकट पैदा होने लगा है।
अगर इसी तरह पहाड़ों में बोरिंग से पानी की सप्लाई की जाएगी तो जल स्रोत एक दिन सूख जाएंगे।
अगर प्रशासन जल्द इन बोरिंगों को बंद नही करती तो आने वाले दिनों में पहाड़ो में जल संकट गहराया जायेगा।
वहीं जब पर्वतजन के संवाददाता ने पहाड़ों में बन रहे होटलों में पानी की बोरिंग की पड़ताल की तो दर्जनों होटल मालिकों ने बिना अनुमति के बोरिंग करा रखी है।
वही ग्राम सभा तुसरानी में पीडब्ल्यूडी दुगड्डा के एक दबंग जेई के निर्माणधीन होटल में खुले आम बोरिंग से पानी की सप्लाई की जा रही है।
वहीं जब हमने इन जेई सहाब से अवैध बोरिंग की बात की तो जेई सहाब ने अपनी जमीन में बोरिंग की बात करते हुए कहा कि हमने बिना अनुमति के अपनी भूमि पर बोरिंग करा रखी है जिसके लिए हमे किसी भी तरह की अनुमति की आवश्यकता नही है।
“पहाड़ो में हो रहे अवैध बोरिंग एक चिंता का विषय है। जल्द ही सभी होटलों की जांच कराई जायेगी। अगर किसी भी होटल कारोबारी ने बिना अनुमति के बोरिंग कराई होगी तो कानूनी कार्यवाही की जायेगी।”
डॉ विजय कुमार जोगदंडे – जिलाधिकारी पौड़ी