स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एल.यू.सी.सी.चिटफंड कंपनी द्वारा उत्तराखंड निवासियों को 2.39 करोड़ रुपये का चूना लगाकर 2024 में फरार होने और अबतक इस कम्पनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई की। खण्डपीठ ने एस.एस.पी.पौड़ी और देहरादून को निर्देश दिए हैं कि सम्बंधित थाने के एस.एच.ओ.जहां कम्पनी के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुए हैं, उनकी वर्तमान रिपोर्ट के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एस.एच.ओ.स्वयं न्यायालय ने उपस्थित होएं। मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ती पंकज पुरोहित ने अगली सुनवाई 8 अप्रैल के लिए तय की है।
वरिष्ठ अधिवक्ता एम.सी.पंत ने बताया की ऋषिकेश निवासी आशुतोष शर्मा ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि उत्तराखंड में एल.यू.सी.सी.नामक चिटफंड कंपनी ने वर्ष 2014 से लोगों को पैसा दुगना करने और अन्य बैंकों से अधिक ब्याज देने का लालच देकर पैसा जमा कराया। कंपनी ने इस काम के लिए स्थानीय लोगों को कंपनी में नौकरी दी गई। जब लोगों का पैसा लौटाने का समय आया तो वर्ष 2023 में कम्पनी के लोगो की गाढ़ी कमाई का 2 करोड़ 29 लाख ₹ लेकर फरार हो गई। याचिकाकर्ता के अनुसार, इस कम्पनी के खिलाफ न तो राज्य सरकार ने कोई एफ.आई.आर.दर्ज कराई और न ही चिटफंड कंपनी से लोगों का पैसा वापस दिलाया। इससे, क्षुब्ध होकर उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। याचिका में यह भी कहा गया कि वर्तमान में भी कई इस तरह की कम्पनियां राज्य के सीधे साधे लोगों को झूठा आश्वासन देकर ठग रही हैं। इससे पहले भी क्रिस्टल, जे.बी.जे.नाम की कंपनी का शिकार राज्य की भोली भाली जनता हुई है, इसलिए राज्य सरकार इनपर लगाम लगाए। इस मामले में शिकायत करने पर राज्य सरकार ने इनके एजेंटों के खिलाफ कोटद्वार में दो और पौड़ी में एक मुकदमा दर्ज किया। लेकिन उसपर आज की तिथि तक कोई प्रगति नहीं हुई। जबकि कम्पनी के असली मालिक अपना ऑफिस बंद कर दूसरे राज्य में अपना व्यवसायी चला रहे हैं। जनहित याचिका में ये भी कहा गया है कि इस तरह से चल रही फर्जी कम्पनियों पर राज्य सरकार लगाम लगाए और उनका पैसा वापस दिलाए।