रिर्पोट/बिजेंद्र राणा
उत्तराखंड बने हुए 23 वर्षों से अधिक का समय हो चुका है। परंतु स्थिति यह है कि उघोग विभाग में कर्मचारियों की ट्रांसफर नियमावली क्या है इस विषय पर कोई भी सुनने वाला नहीं।
30 वर्षों से अनेक कर्मचारी ऐसे हैं जो लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं एवं कुछ कर्मचारी इन से भी बढ़कर है जो प्रथम नियुक्ति से अभी तक उसी स्थान पर डटे हुए हैं।
इन कर्मचारियों के जमने का बड़ा कारण यह है कि इनके समीकरण व्यक्तिगत हित में विभाग में ऊपर से नीचे बैठे अधिकारियों के साथ सटीक बैठते हैं। या कहें कि इन कर्मचारियों ने विभाग को अपने सामंजस्य के अनुसार स्वयं के व्यक्तिगत हितों में व्यवस्थित कर लिया है।
यही बड़ा कारण है कि विभागीय कार्रवाई का इन पर कोई असर नहीं पड़ता है और ट्रांसफर एक्ट और अन्य गतिविधियां इन पर लागू नहीं होती है।
कहीं ना कहीं 30 साल से एक स्थान पर कुंडली मारे कर्मचारियों के ऊपर सफेद पोश आकाओ का हाथ है। जिनके संरक्षण में ये कर्मचारी अपनी मनमानी करने से भी बाज नहीं आते और एक ही स्थान पर कुंडली मारे बैठे हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव और सरकार की छवि इस बात पर भी निर्भर करती है कि विभागीय कर्मचारी कहीं राजनीतिक गुटबाजी में तो नहीं बटे है।
देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि, विभाग में लंबे समय से एक ही स्थान पर कुडली मारे बैठे कर्मचारियो पर कब कार्यवाही होगी।