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बड़ी खबर: “खुद ही मुजरिम, खुद ही वकील और खुद ही जज”। सरकारी धन को ठिकाने लगाने का गजब का खेल

पुरोला ।

नीरज उत्तराखंडी 

“खुद ही मुजरिम, खुद ही वकील और खुद ही जज” जी हाँ ऐसा ही कुछ हो रहा है  जल जीवन मिशन के अंतर्गत बिछाई जा रही  बरी पेयजल योजना में हुई शिकायत की जांच के मामले में । 

पेयजल योजना के  निर्माण में की गई  निर्माण मानकों की अनदेखी एवं सेवा गांव में स्वजल योजना के अंतर्गत बिछाई गई पाइप लाइन के पाइप उखाड़ कर जल जीवन मिशन के अंतर्गत बिछाई जा रही बरी पेयजल में  उपयोग कर सरकारी धन को ठिकाने लगाने  की पूर्व प्रधान रोशन लाल भारती द्वारा  जिला अधिकारी  से शिकायत के बाद जल संसथान हरकत में  आया  और आदेश के पालनार्थ  मामले की जांच के लिए विभाग ने  थर्ड पार्टी के जांच टीम  के सदस्य के साथ  जो विभाग का सदस्य भेजा गया वह  निर्माण कार्यों में की गई अनदेखी के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है ।ऐसे में जांच के  निष्पक्ष होने पर शिकायत कर्ता  ने संदेह व्यक्त करते हुए प्रशासनिक जांच की मांग की है ।

मजेदार बात तो यह है कि विभाग में एक ही ठेकेदार के नाम  पेयजल लाइन निर्माण के कई बाॅड हुए हैं ।वही निर्माण के लिए जिम्मेदार ठेकेदार ने काम पेटी ठेकेदारों को दिया है। 

जांच के लिए  थर्ड पार्टी के एक सदस्य व विभाग के साइट इंचार्ज विगत  सोमवार को बरी गांव  पहुंचे  तो रात्रि विश्राम भी निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदार आरोपी पेटी ठेकेदार यहां  ठहर कर रात बिताई।। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि  जांच की आंच में जिम्मेदार क्या  खिचड़ी  पकाते है।

वही थर्ड पार्टी जांच टीम के सदस्य संदीप पोखरियाल ने पेयजल लाइन में पुराने पाइप लगाये जाने  व मानकों  की अनदेखी  होने की  पुष्टि की  है।

वही विभाग के अधिशासी अभियन्ता संदीप द्विवेदी का कहना है कि वे स्वयं जा कर स्थलीय निरीक्षण करेंगे ।

दिलचस्प तो यह है कि जिस ठेकेदार कल्याण सिंह के नाम पेयजल लाइन निर्माण का अनुबन्ध गठित है उसने  निर्माण स्थल  पर कभी दर्शन नहीं  दिए।  बताया जा रहा है  अनुबंधित  ठेकेदार ने अपना कथित कमीशन  लेकर  पेयजल लाइन निर्माण पेटी ठेकेदारों को दे दिया । 

सूत्र बताते  है कि कल्याण सिंह  विभाग के  उन चहेते ठेकेदारों में  से एक है जिसके नाम कई पेयजल योजनाओं के अनुबन्ध है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि विभाग किसका कल्याण चाहता है।

वही अनुबन्धित ठेकेदार  कल्याण सिंह का कहना है पेयजल लाइन निर्माण में  गांव के ही लोग काम कर रहे है अब वे ही जाने  लाइन में कौन से पाइप लगाये जा रहे है।

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