रिपोर्टर / शान्ति टम्टा
उत्तरकाशी।
खबर उत्तरकाशी जनपद की है जहां जिले के पुरोला विकासखंड के रामा गांव के सुरपाल सिंह ने अपने बेटे को स्पोर्ट्समेन मोहित जिसकी उम्र 21 वर्ष है को इस उम्मीद से घर से करीब 165 किमी दूर जिला मुख्यालय के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इन सपनों के साथ भेजा था की वह कुछ बड़ा करेगा। लेकिन किसे पता था की मोहित पहाड़ की लाचार स्वास्थय व्यवस्था की भेंट चढ़ हमेशा के लिए दुनिया से अलविदा क़ह जाएगा और लाचार पिता सुरपाल सिंह को अपने बेटे की मौत के न्याय के लिए एसडीएम के चरणों में गिरकर गिड़गिड़ाना पड़ेगा।
पुरोला रामा निवासी मोहित उम्र 21 वर्ष पुत्र सुरपाल सिंह की दो दिन पूर्व कॉलेज में बॉलीबाल खेलते हुए चोट लग गई थी। उस दिन वह जिला अस्पताल से प्राथमिक उपचार करवा कर वापस हॉस्टल लौट गया। बीती शुक्रवार शाम को मोहित को फिर दर्द हुआ और वह एमरजेंसी में भर्ती हुआ। जहाँ पर उसकी शनिवार सुबह अचानक मौत हो गई। मौत की सूचना पर मोहित के पिता भाई परिजन और कॉलेज के छात्र-छात्राएं जिला अस्पताल पहुंचे और मोहित की मौत का आरोप जिला अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों पर लगाया।
परिजनों का आरोप था की समय रहते मोहित को इंजेक्शन नहीं दिया और न ही रेफर के लिए कहा। जवान बेटे की मौत से टुट चुके सुरपाल सिंह बार-बार स्तिथि को संभालने आए एसडीएम भटवाडी चत्तर सिंह चौहान के पैरों में गिर पड़ते और कहते की उनके बेटे को न्याय दिया जाए और उनके बेटे की मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए। पिता की यह स्थिति देख हर किसी के आंसू थे. हालांकी बाद में अन्य परिजनों के समझाने पर सुरपाल सिंह बेटे का शव लेकर अपने गांव के लिए रवाना हुए।
एसडीएम भटवाड़ी चत्तर सिंह चौहान ने कहा की मृतक युवा के परिजनों की और से कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है। हालांकी घटना को देखते हुए जिला अस्पताल के नियमों के अनुसार जांच की जायेगी।