स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड के पहाड़ी हिस्सों में आई आपदा के बाद अब पीड़ित परिवारों के छात्र छात्राओं को दस्तावेज और पढ़ाई की किताबों संबंधी भारी समस्याएं हो रही हैं । समाजसेवियों ने रोजमर्रा का सामान देते हुए सरकारी कार्यालयों में हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया है ।
नैनीताल के बिड़ला विद्या मंदिर क्षेत्र में भूस्खलन में दबे कुमाऊं लॉज के पांच घरों में परिवारों के बच्चों के दस्तावेज भी दब गए हैं । बीती 18 अक्टूबर की देर रात पहाड़ी से पत्थर गिरने के बाद परिवार के सदयस सचेत हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने दूर भागकर अपनी जान बचाई । भारी बरसात के बीच अंधेरी रात में परिवार के छोटे बड़े लोग जान बचाकर समीप के क्षेत्रों में पहुंचे । भूस्खलन की डरावनी आवाजों के डर से भागे परिवार के सदस्य केवल तन ढकने के लिए एक जोड़ा कपड़ा लेकर ही निकल सके ।
भूस्खलन प्रभावित छात्र छात्राओं का बड़ा दर्द अब देखने को मिला है, उनका कहना है कि उनके सामान के साथ सभी दस्तावेज मसलन, आधार कार्ड, स्कूल का आई कार्ड, हाई स्कूल और इंटर के सर्टिफिकेट के साथ आगामी परीक्षाओं के लिए तैयार कॉपी किताबें सब घर में आए मलुवे के नीचे दब गए हैं। ऐसे में इन छात्र छात्राओं के पास परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए कुछ नहीं बचा है ।
उन्होंने कहा कि घर का सामान तो लोगों की तरफ से मिल रहा है, लेकिन कॉपी किताबें मिलनी मुश्किल हो रही हैं । ‘मिशन मेरा पहाड़’ संस्था से जुड़े समाजसेवियों ने दूसरे स्कूली छात्रों से कॉपी किताब दिलाने का भरोसा दिया है और कहा है कि उनके दस्तावेजों की डुप्लीकेट कॉपी निकालने में वो मदद करेंगे । ये छात्र छात्राएं ग्रेफीक एरा, डी.एस.बी.डिग्री कॉलेज समेत नैनीताल के दूसरे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं ।