अनुज नेगी
पौड़ी।
एक और प्रदेश सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए लाखों पौधे लगा कर वृक्षारोपण का अभियान चला कर करोड़ो रूपये उड़ा रही है,वहीं दूसरी ओर सैकड़ो बांज के हरे भरे पेड़ो पर आरिया चलाई जा रही है। उधर जिम्मेदार विभाग कुम्भकर्ण की नींद सोता रह गया।
मामला जनपद पौड़ी के पोखड़ा रेंज के अंतर्गत ग्राम भिगलासी (कंडाखाल) में उद्यानीकरण के नाम पर बांज व अन्य प्रजातियों के सेकड़ो हरे पेड़ो को काट दिया गया।मगर जिम्मेदार वन विभाग कुम्भकर्ण की नींद सोता रह गया।
आपको बतादें कि उत्तराखंड में विकास योजनाओं के लिए बांज के पेड़ नहीं काटे जाएंगे। बांज के जंगल वाली जमीनें भी परियोजनाओं के लिए हस्तांतरित नहीं की जाएंगी।
बहुत जरूरी होने पर उस जमीन के बदले ऐसी ही भूमि पौधे लगाने के लिए दी जाएगी, जो बांज के लिए अनुकूल हो।
केंद्रीय वन भूमि हस्तांतरण के क्षेत्रीय अधिकारियों और वन विभाग के बीच इसे लेकर सहमति बनी है।
बता दें उत्तराखंड में धीरे धीरे बांज के जंगल कम हो रहे हैं। चूंकि बांज पहाड़ी क्षेत्रों में जल संरक्षण और पारिस्थतिकीय महत्व के लिहाज से सबसे अच्छी प्रजाति है, इसलिए इसका संरक्षण बेहद जरूरी है।
अब देखना होगा जिमेदार वन विभाग इन पर क्या कार्यवाही करता है,या खाली जुर्माना वसूलकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देगा।
वहीं पर्यावरण प्रेमी रमेश बोडाई से इस मामले में बड़ा दुख ब्यक्त प्रकट किया। रमेश बोडाई ने कहा अगर विभाग ने इस मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही नही की तो में विभाग के खिलाफ धरना पर बैठ जाऊंगा। विभाग ऐसे लोगो को जेल भेजे और कटे पेड़ों की जगह नए पौधे लगाए।