मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बावजूद भी पुलिस ग्रेड पे पर अभी तक कोई भी शासनादेश जारी नहीं किया गया है जिससे पुलिस ग्रेड पे का मामला अभी तक अधर में लटका हुआ है।
शासनादेश जारी न होने के कारण इस पर सवाल उठ रहे हैं। कही सरकार की मंशा कुछ और तो नहीं है क्युकी अब जल्द ही चुनाव आचार संहिता लग सकती है। जिसके बाद ग्रेड-पे का मामला ठंडे बस्ते में चला जायेगा।
आपको बता दे कि उत्तराखंड क्रांती दल द्वारा पुलिस परिजनों के साथ मिलकर पुलिस ग्रेड पे के लिए आंदोलन किया गया था। जिसमें उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिवप्रसाद सेमवाल की दो बार गिरफ्तारी भी हुई थी। 2 दिन का उपवास भी उन्होंने रखा था।
जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीती 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति (शहीदी) दिवस के दौरान देहरादून पुलिस लाइन में सार्वजनिक रूप से घोषणा करते हुए आंदोलित पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड-पे की मांग को मान लिया था। और पुलिस ग्रेड पे को प्रदेश में लागू करने की घोषणा भी की गई थी।
अब मुख्यमंत्री की घोषणा को डेढ़ महीने से अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन डेढ़ महीने गुजर जाने के बावजूद अब तक पुलिस ग्रेड-पे पर शासनादेश जारी नहीं किया गया हैं।
इस पर उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि यदि 2 दिन में पुलिस ग्रेड पे को लेकर शासनादेश सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता तो उत्तराखंड क्रांति दल बड़ा जन आंदोलन करेगा।