राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत गेस्ट टीचरों का आरोप है कि उन्हें जूनमाह का वेतन नहीं दिया जा रहा है । भाजपा सरकार ने मार्च 2020 में माध्यमिक विद्यालयों में गेस्ट टीचरों को पुनर्नियुक्ति दी थी ।जिन्हें प्रतिमाह 15 हजार की दर से अनुबंधित किया गया था ।गत शैक्षिकसत्र 20-21 में भी शीतकालीन अवकाश में मानदेय न देने का मामला भी कुछ जिलों में सामने आ चुका है ।
अतिथि शिक्षक संघ टिहरी जनपद के जाखणीधार ब्लॉक अध्यक्ष नवीन सुयाल का कहना है कि इस बाबत प्रदेश कार्यकारिणी शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी से सम्पर्क भी कर चुकी है उनका कहना है कि उनके द्वारा मानदेय रोकने के कोई लिखित आदेश नहीं दिए गए हैं । वहीं टिहरी मुख्य शिक्षा अधिकारी शिवप्रसाद सेमवाल जी ने जिले के खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश निर्गत किए हैं कि जिन्होंने जून माह में कोविड 19 ड्यूटी अथवा ऑनलाइन शिक्षण करवाया है उनका मानदेय निर्गत किया जाए । प्रधानाचार्यों द्वारा प्रमाणित जून माह में गेस्ट टीचरों के ऑनलाईन शिक्षण करवाने के प्रमाणपत्र दिए जाने के बावजूद भी खंड शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि
ग्रीष्मकालीन अवकाश में ऑनलाइन शिक्षण के कोई आदेश नहीं दिए गए थे । जिन जिलों या ब्लाकों में पूर्व में ही जून का मानदेय दिया जा चुका है उनसे भी रिकवरी हेतु जुलाई का मानदेय नहीं दिया जा रहा है ।
टिहरी जनपद अतिथि शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष अजय कुमार की मानें तो यह सरासर अन्याय एवं शोषण किया जा रहा है ।गतवर्ष ग्रीष्मावकाश में भी इसी अनुबंध के आधार पर सैलरी दी गयी थी अब इस प्रकार का अवांछनीय परिवर्तन कहाँ तक तर्कसंगत है ?
एक तरफ धामी सरकार मानदेय वृध्दि की घोषणा कर वाहवाही लूट रही है तो दूसरी तरफ ऐसे अमानवीय कृत्य अधिकारियों द्वारा किए जा रहे हैं । सूत्रों की माने तो यह सब निदेशालय के आदेशों पर ही किया जा रहा है । अतिथि शिक्षक संघ टिहरी का कहना है कि कैबिनेट के फैसले पद सुरक्षित के साथ साथ जून माह का वेतन यदि नहीं दिया जाता है तो हमें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा ।