इंद्रजीत असवाल
रिखणीखाल पौड़ी गढ़वाल
यूँ तो बड़े बड़े भू माफिया, वन माफिया या नेता सहित पावर फुल व्यक्ति जहाँ चाहे वहाँ सरकारी जमीनों पर कज्बा कर देता है और प्रसाशन उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता ,क्योंकि उसके पास पावर व रुपया होता है अधिकारियों व नेताओं को खिलाने के लिए ।
आज जो खबर हम आपको दिखा रहे हैं वो लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र के ढाबखाल के सिनाला गांव के दो दिव्यांग लोगो की है ,जो हाथ पांव दोनों से दिव्यांग है।
इन दोनों भाइयों के ऊपर 9 लोगो के भरण पोषण की जिम्मेदारी है,जिसे ये बखूबी निभा रहे थे, लेकिन प्रसाशन के अकड़ूँ रवैये के कारण आज दोनों दिव्यांग को अपने परिवार का जीवन यापन करने के लिए बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सन 2016 में इन दोनों ने अपने जीवन यापन के लिए गांव की राजस्व भूमि पर एक मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया था,जो कि लगभग डेढ़ साल चला।
इनका काम अच्छा चल रहा था लेकिन किसी ने इनकी रिपोर्ट तहसील में कर दी और उपजिलाधिकारी लैंसडाउन के द्वारा बिना देखे भाले इनके स्वरोजगार पर ताला जड़ दिया गया , यदि इन दोनों के पास भी धन धान्य व पावर, पहुच , या सिफारिश होती तो इनके स्वरोजगार पर ताला न पड़ा होता ।
आज ये दोनों भाई अपने परिवार को पालने के लिए मुश्किल भरी मेहनत से दो चार हो रहे हैं ।इनमें एक भाई पांव व दूसरा भाई हाथ से दिव्यांग है,
जानकारी के अनुसार जब इन्होंने इस जमीन पर काम शुरू किया था तो पूरे गांव की सहमति से किया था, परन्तु जिस व्यक्ति के नाम से इनकी कम्प्लेंट हुई उस व्यक्ति का कहना है कि ये रिपोट उंसके द्वारा नही की गई है।