स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में जिला नियोजन समितियों(डी.पी.सी.) के चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि ये चुनाव कब तक कराए जाएंगे।
न्यायालय ने 12 नवंबर तक जवाब देने को कहा है और अगली सुनवाई भी उसी दिन रखी है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चैहान और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खण्डपीठ में हुई।
मामले के अनुसार जिला पंयाचत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि सरकार प्रदेश में जिला नियोजन समितियों के चुनाव नहीं करा रही है। चुनाव आयोग की ओर से भी सरकार को डी.पी.सी.के चुनाव संपन्न कराने के लिये कहा गया था। परन्तु सरकार की ओर से कोविड महामारी का हवाला देते हुए अभीतक चुनाव नही कराने की बात कही गयी। जबकि कई जगहों में डी.पी.सी.के निर्विरोध चुनाव भी सम्पन्न हो गये है।
दूसरी तरफ सरकार ने पूर्व में शपथपत्र पेश कर कहा था कि डी.पी.सी.के चुनाव सरकार हरिद्वार के पंचायत चुनावों के बाद कराने को तैयार है। इस पर न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त की थी। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि चुनाव नहीं होने से प्रदेश के 12 जिलों का विकास कार्य ठप्प पड़ा है । जो विकास कार्य के लिए बजट आ रहा है। उसे जिलाधिकारी खर्च कर रहे है। जबकि यह बजट डी.पी.सी.के सदस्यों द्वारा अपने क्षेत्र के विकास में खर्च किया जाना था ।