चंद्रशेखर करगेती को एससी/एसटी विशेष न्यायालय देहरादून द्वारा बिना हिरासत के जमानत देने के मामले में राज्य सरकार तथा चंद्रशेखर को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस खुल्वे की अदालत ने संयुक्त निदेशक समाज कल्याण गीताराम नौटियाल द्वारा हाई कोर्ट में दायर याचिका में यह आदेश दिया है।
जानिए पूरा मामला
गीताराम नौटियाल संयुक्त निदेशक समाज कल्याण ने 2016 में चंद्रशेखर करगेती के खिलाफ थाना- वसंत विहार देहरादून में एससी/एसटी एक्ट तथा आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस द्वारा एससी/एसटी विशेष न्यायालय में दायर दाखिल चार्ज सीट को खारिज करने के लिए चंद्रशेखर करगेती ने हाई कोर्ट नैनीताल में रिट याचिका दाखिल की थी।
हाईकोर्ट ने करगेती की याचिका को 2018 में खारिज कर दिया था। चंद्रशेखर करगेती ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी 20-10-2021 को करगेती की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने करगेती को 1 सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे, किंतु करगेती ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत दाखिल कर दी थी, जिस पर विशेष आदेश के तहत करगेती की जमानत सुनने के आदेश दिए गए थे। ट्रायल कोर्ट ने करगेती को बिना हिरासत में लिए 24-11-2021 को जमानत दे दी गई।
नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत देने के आदेश को गीताराम नौटियाल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने 3 – 1- 2022 को गीताराम नौटियाल को स्वतंत्रता दी कि वह करगेती की जमानत को चुनौती दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में नौटियाल ने करगेती को ट्रायल कोर्ट द्वारा बिना हिरासत दी गई जमानत को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई के लिए 14- 3 – 2022 की तिथि नियत की है।