27 नवंबर, भिकियासैंण तहसील मुख्यालय पर उत्तराखंड गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन रामगंगा भिकियासैंण की एक आपात बैठक शिक्षक भवन भिकियासैंण में आहूत की गई।
बैठक में संगठन से जुड़े स्याल्दे चौखुटिया, भिकियासैंण व सल्ट विकासखंडों के पैंशनर्स ने भागीदारी की। आज की बैठक का मुख्य एजेंडा पिछले 25 अगस्त से तहसील मुख्यालय पर चल रहे धरना प्रदर्शन की समीक्षा कर आन्दोलन की अगली रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाना था ।
बैठक में सभी वक्ताओं ने 25 अगस्त, को जारी शासनादेश पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की तथा सरकार की नियत पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा मौजूदा शासनादेश को पैंशनर्स व कर्मचारियों को बरगलाने वाला बताया कहा इसमें नया कुछ भी नहीं है पुराने शासनादेशों में लिखी बातें ही दुहराई गई हैं अभी भी ओपीडी को कैश लैस नहीं किया गया है सेवारत व पैंशनर्स से बराबर कटौती में कोई संशोधन नहीं हुआ है।
राज्य के अन्दर व राज्य से बाहर कोई चिकित्सालय सूचीबद्ध नहीं किए गए हैं और न ही उनके साथ अनुबंध हुआ है। ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात बेईमानी है। आन्दोलन चौथे महीने में प्रवेश कर चुका है अब सरकार पर से भरोसा उठ गया है। इसलिए तय किया गया कि, अभिलंब माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर किया जाय तब तक कुछ समय के लिए आन्दोलन को स्थगित रखा जाय।
आगामी विधानसभा चुनावों में सरकार के खिलाफ़ जाने का पूर्व में पारित प्रस्ताव यथावत रहेगा। अगले सोमवार को ही याचिका दाखिल करने हेतु संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल के साथ कई पैंशनर्स नैनीताल जायेंगे। बैठक को तुला सिंह तड़ियाल, प्रकाश उपाध्याय त्रिलोक सिंह पटवाल, गोविन्द बल्लभ मठपाल, नारायण राम आर्य, राजेन्द्र सिंह नायक, कृपाल सिंह नेगी, कुबेर सिंह कड़ाकोटी, देब सिंह घुगत्याल, दिनेश चंद्र तिवारी, अम्बादत्त बलौदी, देब सिंह बंगारी, बचीराम बलौदी, कमलापति मठपाल, खीमानंद जोशी, डॉ विश्वम्बर दत्त सती , गंगा दत्त जोशी, देबी दत्त लखचौरा, आनन्द प्रकाश लखचौरा, गंगा दत्त शर्मा, किसन सिंह मेहता, बालम सिंह बिष्ट, मोहन सिंह नेगी, बालम सिंह रावत, मदन सिंह नेगी, आदि लोगों ने सम्बोधित किया।