राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर देश-विदेश में रोजगार के सिलसिले में पलायन कर चुके उत्तराखंडवासियों के लिए एक अलग सेल की स्थापना करने की मांग की है ।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के संयोजक शिव प्रसाद सेमवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है जिसके कारण उत्तराखंड के सैकड़ो गांव घोस्ट विलेज में तब्दील हो चुके हैं।
रोजी-रोटी की तलाश में उत्तराखंड के लोग दुनिया के विभिन्न देशों में नौकरी करने को मजबूर हैं। इनमें से अधिकांश लोग बेहद असुरक्षित माहौल में रह रहे हैं। उनका शोषण हो रहा है। उन पर हमले हो रहे हैं और वह विभिन्न प्रकार के भेदभाव का शिकार हो रहे हैं।
विकल्प न होने और सही जानकारी न होने के कारण उत्तराखंड के बेरोजगार युवा कबूतरबाजों और विभिन्न दलालों के हत्थे चढ़ जाते हैं। यह दलाल बेरोजगारों को विदेश में नौकरियों के सुनहरे सब्जबाग दिखाते हैं और जब वह विदेश पहुंच जाते हैं तो उनका पासपोर्ट तथा अन्य प्रमाण पत्र जप्त कर लिए जाते हैं और उन्हें बिना वेतन के बेगार करने को मजबूर किया जाता है।
यहां तक कि भोजन तक उचित नहीं दिया जाता और अगर सुरक्षित माहौल में नौकरी करते हुए वह किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो उसकी किसी भी तरह की मदद नहीं हो पाती ।
इस तरह की उत्तराखंड में कई घटनाएं हो चुकी हैं।
विदेश जाने वाले सभी लोगों का उत्तराखंड के राज्य स्तर पर भी एक सेल गठित किया जाना चाहिए। जहां पर उनके परिजन हर प्रकार की जानकारी हासिल कर सके और मदद के समय त्वरित मदद पहुंचाई जा सके।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार विदेश नीति के नाम पर काफी बड़ी बातें करती है लेकिन इस तरह के मामलों में राज्य सरकार और जनता अपने आप को असहाय महसूस करते हैं। और किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर सरकार उदासीन रवैया अपनाती है , जिसके चलते लोगों को किसी व्यक्तिगत सहायता अथवाzस्वयंसेवी संस्थाओं के भरोसे ही रहना पड़ता है।
सेमवाल ने सरकार से मांग की है कि मलेशिया में फंसे युवक की तरह अन्य जगहो पर फंसे लोगों को तत्काल वापस लाया जाए और इस तरीके की घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता के लिए और त्वरित सहायता पहुंचाने के लिए उत्तराखंड में राजधानी स्तर पर तत्काल एक सक्षम सेल की स्थापना की जाए।