रिर्पोट:इंद्रजीत असवाल
उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में सरकारी कार्यों में घोटाले होना एक आम बात हो गई है , लगातार हर इलाके से कार्यों की गुणवक्ता व सरकारी धन के गबन होने की खबरे सोसल मीडिया पर वायरल होती रहती है ।संबंधित विभाग जांच की बात कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है, कहते इनको ग्राम पंचायत विकास अधिकारी हैं लेकिन ये विकास कम विनाश ज्यादा करते हैं ।
ताजा मामला जनपद पौड़ी के जहरीखाल ब्लॉक का है जहा पर आजकल ग्राम सभाओं में लोहे के कूड़ेदान लग रहे हैं ।
जिनकी लागत ब्लॉक द्वारा 35 हजार दर्शाई गई है जबकि यदि सूत्रों की माने तो एक कूड़ेदान की वास्तविक कीमत 18 से 20 हजार मार्केट में है ।
अब जो बात अंदर खाने से पता चली है वो ये है कि ये कूड़ेदान पंचायत मंत्रियों द्वारा ग्राम सभाओं को उपलब्ध करवाए गए हैं,इसमें ग्राम प्रधानों का कोई हाथ नहीं है पंचायत मंत्रियों के द्वारा प्रधानों को महज दो हजार रूपए इस कूड़ेदान को स्थापित करने के लिए दिए गए हैं ।
बाकी का मोटा धन पंचायत मंत्रियों सहित अन्य अधिकारी वर्ग की जेबों में गया है।
जो लिस्ट हम आपको दिखा रहे है वो 32 ग्राम सभाओं की है जिसमे 59 कूड़ेदान लगाए गए हैं जिनमें महज 4 ग्राम सभाओं में 24हजार की लागत से लगे हैं बाकी सब 35 हजार की लागत से लगे हैं जबकि वजन व साइज लगभग सभी का बराबर है।
वहीं जब ब्लॉक प्रमुख दीपक भंडारी से इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने मामले की जांच की बात कही है।