काशीपुर। सूचना अधिकार अधिनियम में जीवन व स्वतंत्रता सम्बन्धी सूचनायें 48 घंटे का प्रावधान है लेकिन इसके प्रथम अपील निपटारे का समय स्पष्ट न होने के चलते सामान्य सूचनाओं वाली अपीलों के समान 30 से 45 दिन में अपीलों का निपटारा किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में उत्तराखंड सूचना आयोग के निर्देश पर शासनादेश संख्या 704 जारी करके ऐसी अपीलों का निपटारा अपील संख्या 917 में दिये गये आदेशों के अनुरूप 48 घंटे में करने के आदेश दिये गये है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन की प्रार्थना पर अपील संख्या 917 (नदीम उद्दीन बनाम प्रभारी निरीक्षक कोतवाली काशीपुर व अन्य ) के आदेश दिनांक 17-11-2008 से जीवन तथा स्वतंत्रता से सम्बन्धित सूचनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत गाइड लाइन जारी करके इसके पालन के आदेश दिये गये थे। लेकिन इसका पूर्ण पालन नहीं हो रहा था। इस सम्बन्ध में उत्तराखंड सूचना आयोग के संज्ञान में आने पर आयोग ने अपने पत्रांक 11137 दिनांक 15-02-23 से इसके पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश उत्तराखंड शासन के सामान्य प्रशासन विभाग को दिये। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस पर शासनादेश संख्या 704 दिनांक 04 मई 2023 जारी किया गया है। नदीम उद्दीन द्वारा सूचना सम्बन्धी शासनादेशों की सूचना मांगने पर लोक सूचना अधिकारी (प्रभारी)/ समीक्षा अधिकारी योगेश भट्ट ने अपने पत्रांक 1384 दिनांक 29 अगस्त 2023 के साथ श्री नदीम को इस शासनादेश की सत्यापित फोटो प्रति उपलब्ध करायी है।
उपलब्ध शासनादेश संख्या 704 दिनांक 04 मई 2023 में उत्तराखंड सूचना आयोग के पत्र संख्या 11137 का संदर्भ देते हुये उत्तराखंड सूचना आयोग में योजित द्वितीय अपील संख्या 917/2008 में पारित आदेश के पैरा 6.6 में जीवन और स्वतंत्रता से सम्बन्धित प्रथम अपील के निस्तारण के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने को आदेशित किया है।
शासनादेश में पैरा 6.6 के निर्देशों को भी उद्धरित किया है। इसके अनुसार यदि कोई आवेदक जिसने अपने प्रार्थना पत्र में सूचनायें जीवन या स्वतंत्रता से सम्बन्धित होने का तथ्य स्पष्ट किया है और उसे लोक सूचना अधिकारी द्वारा 48 घंटे में सूचनायें उपलब्ध नहीं करायी जाती है या नियम विरूद्ध शुल्क मांगा जाता है और इस निर्णय के विरूद्ध वह विभागीय अपीलीय अधिकारी को धारा 19(1) के अन्तर्गत अपील करता है तो इस बिन्दु पर इसका निस्तारण अत्याधिक शीघ्रता से, जहां तक संभव हो 48 घंटे के भीतर किया जायेगा। यदि अपीलीय अधिकारी को लगता है कि सूचनायें जीवन या स्वतंत्रता से सम्बन्धित है तो वह लोक सूचना अधिकारी को तुरंत आदेश देकर सूचनायें दिलाना सुनिश्चित करेगा। अगर विभागीय अपीलीय अधिकारी का निष्कर्ष है कि सूचनायें जीवन या स्वतंत्रता से सम्बन्धित नहीं है तो वह अपने निष्कर्ष कारणों सहित आवेदक/अपीलार्थी को सूचित करेगा।
सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन के हस्ताक्षरों से जारी इस शासनादेश में सूचना आयोग द्वारा पारित आदेश के अनुरूप प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु अधीनस्थ विभागों/निदेशालयों/निगमों आदि के विभागीय अपीलीय अधिकाारियों को अपने स्तर से निर्देशित करने के आदेश भी उत्तराखंड शासन के समस्त अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव तथा सचिवों को दिये गये हैं।