शासन द्वारा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़ एवं राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बागेश्वर को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा का कैंपस बनाया गया।
शासन द्वारा कैम्पस में समायोजन हेतु राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों से विकल्प मांगे गए।
जिन कार्मिकों द्वारा विश्वविद्यालय में समायोजन हेतु विकल्प चुना गया, उनके समायोजन हेतु विश्वविद्यालय एवं निदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ जिसके अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी का गठन हुआ व विश्वविद्यालय एवं निदेशालय द्वारा संयुक्त रूप से साक्षात्कार का आयोजन किया गया।
इसमें शासन की अनुमति के बाद 74 सहायक/सह/प्राध्यापकों व 24 शिक्षणेत्तर कार्मिकों का विश्विद्यालय में समायोजन हेतु चयन किया गया व विश्विद्यालय द्वारा समायोजन/ नियुक्ति पत्र चयनित प्रत्येक कार्मिक को उनकी नियुक्ति स्थल में प्रेषित किया गया।
विश्वविद्यालय में समायोजित कार्मिकों में से प्राध्यापक वर्ग में 49 कार्मिकों एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों में 14 कार्मिकों द्वारा कार्यभार ग्रहण किया गया।
अपर सचिव उच्च शिक्षा द्वारा दिनांक 17 अक्टूबर ,2023 को जारी पत्र में पिथौरागढ़ व बागेश्वर महाविद्यालयों में कार्यरत ऐसे कार्मिक जो विश्वविद्यालय व निदेशालय द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग कम साक्षात्कार में सम्मिलित हुए थे व विश्वविद्यालय में समायोजित के इच्छुक हो को समायोजित करने हेतु कुलसचिव से उनकी सूची उपलब्ध करवाने को आदेश दिया है।
कुलसचिव द्वारा भी दिनांक 11 अक्टूबर को पिथौरागढ़ वी बागेश्वर परिसर के निदशकों से समायोजन चाहने के इच्छुक शिक्षक एक शिक्षणेत्तर कार्मिकों की सूची आख्या सहित पेश करने का आदेश दिया है। पूर्व में आयोजित स्क्रीनिंग कम साक्षात्कार में राज्य से सभी महाविद्यालयों के कार्मिकों को अवसर दिया गया।
…. किंतु अब केवल पिथौरागढ़ एवम बागेश्वर के कार्मिकों को अवसर दिया जाता है तो यह भारतीय संविधान में अनुच्छेद 14 में प्रदत्त अवसरों की समानता का उल्लंघन होगा। कुलसचिव द्वारा पूर्व में भी दिनांक 26 मई,2023 को अपर सचिव उच्च शिक्षा को पत्र प्रेषित कर क्षैतिज आरक्षण के 21 एवं EWS के 30 पदों को समायोजन के द्वारा भरने की अनुमति मांगी। EWS के लिए आरक्षित पदों को विश्वविद्यालय सीधी भर्ती से ही भर सकता है। विश्वविद्यालय एक अलग संगठन है और आरक्षण के समस्त प्रावधानों को मानने के लिए बाध्य है। दूसरी ओर जिन प्राध्यापकों को समायोजन का अवसर नहीं दिया जाएगा, वो इसका पुरजोर विरोध करने को लामबंद हो चुके हैं।
विश्वविद्यालय की सुस्ती का खामियाजा कैंपस में अध्यनरत 10000 विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय को चाहिए कि जल्द से जल्द इन पदों को संविदा में या रेगुलर रूप से भर्ती के लिए विज्ञापित करे ताकि जब तक शासन स्तर से निर्णय न लिया जा सके तब तक विद्यार्थियों को कुछ न कुछ प्राप्त हो जाय। पिथौरागढ़ में एक खेमा परिसर बनने से खुश नहीं है। यह खेमा पिथौरागढ़ में एक नया महाविद्यालय खोलने में पुरजोर से लगा है। पूर्व में स्थापित दो बड़े महाविद्यालयों को खस्ताहाल कर नया महाविद्यालय खोलना कितना सही या कितना गलत होगा, ये भविष्य ही बताएगा।