देहरादून | ब्यूरो रिपोर्ट
उत्तराखंड जल निगम के कुमाऊं मंडल के मुख्य अभियंता सुजीत कुमार विकास की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बाद राज्य मुख्य सतर्कता समिति ने उनके खिलाफ विजिलेंस जांच की अनुमति दे दी है।
शिकायत में आरोप है कि अभियंता ने ठेके दिलाने के बदले अपनी पत्नी के बैंक खाते में अवैध तरीके से पैसे ट्रांसफर कराए। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने मामले को गंभीर मानते हुए इसकी जांच विजिलेंस को सौंप दी है।
🔍 क्या है पूरा मामला?
सचिव पेयजल एवं कार्मिक विभाग शैलेश बगौली ने जानकारी दी कि अभियंता के खिलाफ लगातार कई शिकायतें प्राप्त हो रही थीं।
शपथ पत्र के साथ आई एक विस्तृत शिकायत में दावा किया गया है कि सुजीत कुमार ने काम देने के बदले अपनी पत्नी के खाते में लाखों रुपये मंगवाए।
जल निगम के एमडी रणवीर सिंह चौहान ने भी इस बात की पुष्टि की है कि विभाग को इस प्रकार की गंभीर शिकायत प्राप्त हुई है।
💧 पेयजल योजनाओं में भी गड़बड़ियां, कई इंजीनियर जांच के घेरे में
विजिलेंस जांच सिर्फ सुजीत कुमार तक सीमित नहीं है। जल जीवन मिशन के तहत चल रही कई पेयजल योजनाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के संकेत मिले हैं।
उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, अल्मोड़ा, पौड़ी और नैनीताल में कई योजनाएं जांच के दायरे में हैं।
इन जिलों की 60 से ज्यादा पेयजल योजनाओं में कार्यों की गुणवत्ता और वित्तीय लेन-देन पर सवाल उठे हैं।
उत्तरकाशी की खासी पॉटी, संग्राली पाटा, बौगांडी,
टिहरी की कोश्यार ताल, लक्षमोली धार,
अल्मोड़ा की बयेड़ी योजना और पौड़ी की जुलेड़ी योजना पर जांच चल रही है।
इन परियोजनाओं से जुड़े एक दर्जन से अधिक इंजीनियरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
🛡️ सरकार का कड़ा रुख: दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
पेयजल सचिव शैलेश बगौली ने दो टूक कहा:
“विभाग में भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है। विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अन्य लंबित मामलों की जांच भी जल्द पूरी की जाएगी।”
अब निगाहें विजिलेंस जांच पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि आरोप कितने सही हैं और किस स्तर तक कार्रवाई की जाएगी।