- शुल्क, ड्रेस, किताबों व बस सेवा पर भी सख्ती, नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूल की मान्यता रद्द होगी
काशीपुर, 28 मई 2025 — उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली और अभिभावकों के आर्थिक शोषण पर अब लगाम लगाई जा रही है। सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि निजी विद्यालय केवल संचालन खर्चों को पूरा करने की सीमा तक ही फीस वसूल सकते हैं। यदि इससे अधिक शुल्क वसूला गया है तो उसे तत्काल अभिभावकों को वापस करना होगा।
विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी और निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि किसी भी प्राइवेट स्कूल को सरकार द्वारा निर्धारित मदों से इतर शुल्क लेने की अनुमति नहीं है। पुनः प्रवेश शुल्क, काशन मनी या अन्य किसी भी मद में वसूली पर पूर्णतः रोक है।
सूचना के अधिकार से खुला मामला
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय से आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी आर.आर. सोलियाल द्वारा दिनांक 2 अप्रैल 2025 के महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा और 24 मार्च 2025 के निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पत्रों की प्रतियां उपलब्ध कराई गईं।
इन दस्तावेजों के अनुसार, सभी जिला मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सीबीएसई की अधिसूचना दिनांक 18 अक्टूबर 2018 और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश (याचिका संख्या 640/645/669/811/813/835/2018 एवं 3302/2017) का अक्षरशः पालन कराएं। उल्लंघन की स्थिति में स्कूल की मान्यता रद्द करने और आर्थिक दंड लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
शुल्क निर्धारण के सख्त नियम
निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि—
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स्कूल केवल उतनी ही फीस वसूल सकते हैं जिससे स्कूल संचालन का खर्च निकले।
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दाखिले के समय किसी प्रकार का चंदा या अनावश्यक शुल्क नहीं लिया जाएगा।
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सरकार द्वारा तय शीर्षकों के अलावा कोई भी अतिरिक्त शुल्क मान्य नहीं होगा।
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एक बार प्रवेश होने के बाद दोबारा काशन मनी या प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा।
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फीस वृद्धि केवल सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही की जा सकती है।
किताबों और ड्रेस के नाम पर भी रोक
इसके अलावा उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत:
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स्कूल किसी भी छात्र को विशेष बुकसेलर से पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।
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पुराने पाठ्यपुस्तकों के उपयोग पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
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स्कूल यूनिफॉर्म के नाम पर भी एकाधिकार नहीं चलाया जा सकता।
स्कूल बसों में सुरक्षा अनिवार्य
छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल बसों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मनमानी पर कार्रवाई तय
महानिदेशक और निदेशक शिक्षा विभाग के पत्रों के अनुसार, यदि किसी विद्यालय द्वारा छात्रों से अतिरिक्त शुल्क लिया गया है, तो संबंधित धनराशि अभिभावकों को तुरंत वापस की जानी चाहिए। नियमों की अवहेलना करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।