राशन कार्डधारकों सावधान: अपात्र पाए गए तो कार्ड होगा निरस्त। कड़ी कार्यवाही भी तय

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड)। राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSS) और राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत जारी राशन कार्डों का तेजी से सत्यापन किया जा रहा है। रुद्रप्रयाग जिले में अब तक 15,495 राशन कार्डों की जांच पूरी हो चुकी है, जिनमें से 1,840 को अपात्र घोषित कर सूची से बाहर कर दिया गया है।

डीएम ने दिए कड़े निर्देश

21 अगस्त को जिलाधिकारी प्रतीक जैन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि डोर-टू-डोर सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक गति दी जाए ताकि पात्र लाभार्थियों की पहचान जल्दी हो सके।

उन्होंने साफ कहा कि केवल उन्हीं लोगों को राशन कार्ड का लाभ दिया जाए जो पात्र हैं। अपात्र लोगों को फायदा पहुंचाने या सत्यापन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अपात्र पाए जाने पर होगी कार्रवाई

जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि अपात्र लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे स्वेच्छा से अपने राशन कार्ड सरेंडर करें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनके खिलाफ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही, जो राशन पहले ही वितरित किया जा चुका है, उसकी वसूली बाजार दर पर की जाएगी।

कैसे हो रहा सत्यापन?

पूर्ति अधिकारी ने जानकारी दी कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गठित विशेष टीमें घर-घर जाकर राशन कार्ड धारकों की जांच कर रही हैं।

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSS): जिनकी मासिक आय ₹15,000 से कम है, वे पात्र हैं।
  • राज्य खाद्य योजना: जिनकी वार्षिक आय ₹5 लाख तक है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री धामी का सख्त रुख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जिन्होंने गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी, आयुष्मान कार्ड या अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाए हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

सफेद और गुलाबी राशन कार्ड पर खुलासे

सत्यापन के दौरान यह भी सामने आया कि कई अपात्र लोग सफेद और गुलाबी राशन कार्ड का लाभ ले रहे थे। ऐसे मामलों में विभाग अब सख्ती से कार्रवाई करेगा।

उद्देश्य: सही लोगों तक पहुंचे योजना का लाभ

जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने कहा कि यह अभियान जनहित में है ताकि सरकार की खाद्य सुरक्षा योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुंचे और अपात्रों को बाहर किया जा सके।

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