रामनगर, 6 मई। तराई पश्चिमी वन प्रभाग में खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि अब वे वन अधिकारियों पर भी हमला करने से नहीं डर रहे। मंगलवार सुबह रामनगर के कोसी नदी क्षेत्र में स्थित खड़ंजा गेट पर खनन माफियाओं ने वन विभाग के उप प्रभागीय अधिकारी (SDO) मनीष जोशी पर हमला कर दिया। इस दौरान उनके साथ न सिर्फ गाली-गलौच हुई, बल्कि मारपीट भी की गई।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आमजन, पर्यावरण प्रेमियों और वन विभाग के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह माफियाओं ने नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम आरबीएम (नदी से निकाली गई सामग्री) लदे ट्रकों और ट्रैक्टरों को प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर निकालने की कोशिश की और विरोध करने पर अधिकारी पर हमला कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, SDO मनीष जोशी अपनी टीम के साथ नियमित गश्त पर थे, तभी उन्होंने खड़ंजा गेट पर अवैध खनन सामग्री ले जा रहे वाहनों को रोका। गेट बंद होने के बावजूद भारी वाहन जबरन बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। रोकने पर खनन माफिया एकजुट हो गए और अधिकारी से हाथापाई पर उतर आए। इसके बाद उन्होंने सड़क पर ही आरबीएम पलट दिया जिससे अफरा-तफरी फैल गई और यातायात प्रभावित हुआ। आरोपी मौके से फरार हो गए।
वन विभाग की ओर से रामनगर कोतवाली में लिखित तहरीर दी गई है। मामले की पुष्टि करते हुए वरिष्ठ उपनिरीक्षक मोहम्मद यूनुस ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मनीष जोशी के पदभार संभालने के बाद से ही अवैध खनन पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है, जिससे खनन माफिया बौखलाए हुए हैं।
यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है – जब सरकारी अधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो जंगलों और पर्यावरण की रक्षा कौन करेगा? क्या प्रशासन ऐसे अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा दे पाएगा?
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