देहरादून। गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर उत्तराखंड की झांकी “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि के बाद अब यह झांकी पूरे प्रदेश में प्रदर्शित की जाएगी, ताकि आमजन भी उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और रोमांचक खेल गतिविधियों से रूबरू हो सकें।
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में गुरुवार को केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने यह पुरस्कार उत्तराखंड की ओर से सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और झांकी के टीम लीडर/संयुक्त निदेशक केएस चौहान को प्रदान किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार इस झांकी को उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान और एडवेंचर स्पोर्ट्स थीम पर तैयार किया गया था।
प्रधानमंत्री ने भी किया झांकी का अभिवादन
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की झांकी का हाथ हिलाकर अभिवादन किया, जिससे राज्य की झांकी को राष्ट्रीय स्तर पर और भी पहचान मिली। इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह उत्तराखंड के लिए विशेष उपलब्धियों भरा रहा।
संस्कृति प्रतियोगिता में उत्तराखंड का जलवा
राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिता में भी उत्तराखंड की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को सिर्फ साढ़े तीन मिनट का समय दिया गया था, जिसमें उत्तराखंड के कलाकारों ने जागर गायन और लोकनृत्य छपेली की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति को निर्णायक समिति ने बेहद पसंद किया, जिसके चलते उत्तराखंड को यह सम्मान प्राप्त हुआ।
उत्तराखंड की झांकियों की ऐतिहासिक उपलब्धियां
उत्तराखंड को राज्य गठन के बाद गणतंत्र दिवस समारोह में अब तक तीन बार पुरस्कार मिल चुके हैं:
2021 – “केदारखंड” झांकी को तृतीय स्थान
2023 – “मानसखंड” झांकी को प्रथम स्थान
2025 – “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” झांकी को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड (तृतीय स्थान)
पूरे प्रदेश में प्रदर्शित होगी विजेता झांकी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों, सूचना विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों, झांकी निर्माण से जुड़े कलाकारों और झांकी में शामिल सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह झांकी प्रदेशभर में प्रदर्शित की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग उत्तराखंड की संस्कृति और साहसिक खेल परंपरा से परिचित हो सकें।
इस उपलब्धि से उत्तराखंड न केवल राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और खेल गतिविधियों को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहा है।