भूपेंद्र कुमार लक्ष्मी
उपनिबंधक, फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स देहरादून ने इंडियन सोसाइटी फॉर ह्यूमन वेलफेयर देहरादून को चैरिटेबल सोसाइटी होने के बावजूद व्यावसायिक क्रियाकलाप करने के चलते कार्यवाही की चेतावनी दी है।
उपनिबंधक, फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स देहरादून ने इंडियन सोसाइटी फॉर ह्यूमन वेलफेयर देहरादून को अपने नाम के आगे इंडियन शब्द हटाने को कहा है। यही नहीं फम्र्स सोसाइटीज एवं चिट्स देहरादून ने पाया कि उक्त सोसाइटी द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अपनी बैलेंस शीट को सरप्लस धनराशि दर्शायी जा रही है। ऐसी गतिविधि व्यावसायिक सोसाइटी द्वारा की जाती है। जबकि इंडियन सोसाइटी फॉर ह्यूमन वेलफेयर देहरादून चैरिटेबल सोसाइटी के रूप में रजिस्टर्ड है और वह चैरिटेबल सोसाइटी के रूप में आयकर की धारा 10(23सी) के अंतर्गत आयकर छूट का लाभ प्राप्त कर रही है। ऐसे में फम्र्स सोसाइटीज एवं चिट्स देहरादून ने कहा है कि उक्त सोसाइटी के विरुद्ध सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 12डी के अंतर्गत हो सकती है। इसके तहत पंजीकरण/नवीनीकरण प्रमाण पत्र के निरस्त किए जाने के आदेश संस्था को सुनवाई का पर्याप्त अवसर प्रदान करने के पश्चात पारित करने का अधिकार होता है।
इस हेतु सोसाइटी को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। यही नहीं सोसाइटी के सदस्यों के पते के प्रमाणों में भी भिन्नता पाई गई है। जिसमें डा. अश्वनी कांबोज, प्रतिभा कांबोज, डा. अनुराग गर्ग, नितिन कांबोज, अमरजीत सिंह कोहली, सुमित कांबोज के प्रमाणों तथा सूची में दर्ज प्रमाणों में अंतर पाया गया है। इसके अलावा डा. वाई.एस. के पते का प्रमाण भी स्पष्ट नहीं है।
संस्था को कहा गया है कि वह संस्था का नाम परिवर्तन की 2/3 के बहुमत से पारित प्रस्ताव की प्रतियां जमा कराएं। साथ ही संस्था का पिछला मूल प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करने को कहा गया है। इसके अलावा इंडियन सोसाइटी फॉर ह्यूमन वेलफेयर देहरादून संस्था ने अपना नवीनीकरण भी नहीं किया है। संस्था को विलंब शुल्क के साथ चालान भरकर नवीनीकरण कराने के लिए कहा गया है।
जब आरटीआई कार्यकर्ता नरेश कुमार ने सोसाइटी रजिस्ट्रार से संस्था के लोक सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारी के संबंध में जानकारी मांगी तो उत्तर दिया गया कि इंडियन सोसाइटी फॉर ह्यूमन वेलफेयर देहरादून के अध्यक्ष डा. अश्वनी कांबोज को लोक सूचना अधिकारी तथा अपीलीय अधिकारी नामित करने हेतु नोटिस भेजा गया है कि लोक सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारी को नामित करके उनका नामांकन प्रपत्र प्रस्तुत करें।