चार धाम यात्रा का हवाला देते हुए विधायकों ने बेलसेन में होने वाले बजट को टाल दिया। इस तरीके से आखिर कैसे गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी बन सकेगी।
चुनाव के बाद हर बार गैरसैंण को राजधानी बनाने का मुद्दा गर्मता है लेकिन उसके बाद उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इस बार भी बजट सत्र गैरसैंण में करने की पहले बात हुई थी, लेकिन उसके बाद चार धाम यात्रा का हवाला देकर उसे टाल दिया गया।
पिछले लंबे समय से गैरसैंण को लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। साथ ही गैरसैंण में कमिश्नरी की घोषणा पर भी कोई कदम नहीं उठा।
तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र ने गैरसैंण में चल रहे विस सत्र के दौरान ही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने और कमिश्नरी का दर्जा देने की घोषणा की थी। लेकिन उस पर कोई भी कदम नहीं उठाया गया जिसे देखकर यह भी कहा जा सकता है कि तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र के एक और फैसले पर बड़ा संकट आया हुआ है।
कुछ विधायकों ने यह कहते हुए विरोध किया कि इस समय चारधाम यात्रा चल रही है। ऐसे में गैरसैंण में विस के सत्र से तमाम तरह की समस्याएं सामने आएंगी। इसके बाद तय किया गया है कि विस का सत्र अब ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की बजाय अस्थायी राजधानी देहरादून में होगा।
चार धाम यात्रा का तर्क देने से पहले विधायकों ने यह नहीं सोचा कि यह यात्रा हर साल गर्मियों के मौसम में ही होती है। अगर चंद दिनों के सत्र से इस यात्रा पर असर पड़ने के तर्क में कोई सत्यता है तो अगर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बना दिया गया तो यात्रा कैसे होगी। और अगर यात्रा को ध्यान में रखते हुए हर बार विधानसभा सत्र टाला गया तो कैसे गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी बनेगी!