ऋषिकेश का आरटीओ ऑफिस दलाली का अड्डा बन कर रह गया है। हमारे सामने कुछ ऑडियो आई है जिससे साफ पता चलता हैं कि, किस तरीके से आरटीओ ऑफिस दलाली के दलदल में धंसता जा रहा है।
आरटीओ अधिकारी और पुलिस की मिलीभगत से आरटीओ के बाहर बैठे दलालो ने भारी लूट मचाई हुई हैं ।जिसकी प्रशासन को कोई सुध ही नहीं हैं ।
आए दिन उत्तराखंड में भ्रष्टाचार की खबरें सामने आती रहती है।उत्तराखंड में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है, लेकिन फिर भी शासन और प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
आप यह ऑडियो सुनिए:
ऑडियो में आप सुन सकते हैं कि, कैसे एक दलाल लाइसेंस रिनुअल के 1400 ₹ की मांग कर रहा है।आपको बता दे कि लाइसेंस रिनुअल मात्र 420₹ में होता हैं ।
वही दूसरी ऑडियो में गाड़ी रिरजिस्ट्रेशन के ₹6000 दलाल मांग रहा है।आपको बता दे कि रिरजिस्ट्रेशन फीस मात्र ₹2800 है।
इससे साफ जाहिर होता है कि कैसे दलालों ने ऋषिकेश आरटीओ को दलाली का अड्डा बना दिया।
अगर कोई इन दलालों के खिलाफ और इनकी मनमानी और भ्र्स्टाचारी के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे अनेक तरीकों से प्रताड़ित भी किया जाता है । इन पर कार्यवाही करने की जगह पुलिस प्रशासन उसे ही जेल में दाल देती हैं ।
इस बारे में जानने के लिए पर्वतजन ने परिवहन मंत्री से कॉल से सम्पर्क करने की कोशिस की परन्तु उनसे बात नहीं हो पायी ।
अब देखना यह होगा कि, शासन कब तक इस दलाली के अड्डे को बंद करवाने के लिए कार्यवाही करता हैं।
क्या दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो पाएगी?