कानून के शब्द: पति ने ही तो मारा ,आखिर पति है तुम्हारा ! क्या पति को है पत्नी से मारपीट अधिकार ?

इंद्रजीत असवाल

पौड़ी गढ़वाल

पोखडा : 

सरकार ने भले ही महिलाओं के हित में बड़े बड़े कानून बनाये है, लेकिन तब भी महिला उत्पीड़न लगातार बढ़ रहे है| उत्तराखंड के पहाड़ो में पहले ऐसा नही होता था, लेकिन अब लगातार ऐसी घटनाएं होती जा रही है |

आज आपको हम जनपद पौड़ी गढ़वाल के पोखडा ब्लॉक के भटकल गांव की अंजू देवी की आपबीती व उनके साथ हो रहे उत्पीड़न की कहानी बता रहे है|अंजू देवी की शादी 10 साल पहले मटकल गांव के बालकृष्ण पुत्र जनार्दन के साथ हुई थी|

 दो साल तक तो सब ठीक ही चल रहा था, लेकिन बालकृष्ण के अधिक शराब पीने के कारण घर में कलह शुरू हो गई|आपसी झगड़े ने मारपीट का रूप ले लिया| आये दिन बेचारी अंजू देवी पति की मार सहती रही |इसी दौरान उसके दो बच्चे हुये, लेकिन घर में बच्चे आने के बाद भी बालकिशन  नही सुधरा| 

विगत 28 मार्च से लगातार अंजू मार खा रही थी| उसने राजस्व पुलिस उप निरीक्षक से संपर्क किया,वहा पर कानूनगो भी मौजूद थे|  उन्होंने छूटते ही महिला को कहा कि, पति ने ही तो मारा ,आखिर पति है तुम्हारा ! तो क्या पति को ये अधिकार है कि, वो पत्नी को मारपीट सकता है | 

कानूनगो पटवारी ने महिला का न तो मेडिकल करवाना उचित समझा न ही उनका साथ देने की कोशिश की | जब कानून से अंजू देवी को मदद नहीं मिली तो उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र भारतीय से संपर्क किया और शैलेंद्र भारतीय ने अंजू देवी पर हो रहे अत्याचार की कहानी पर्वतजन को दी|

- Advertisment -

Related Posts

error: Content is protected !!