कुमार दुष्यंत//
हरिद्वार। मेयर व सतपाल महाराज विवाद के बाद सतपाल महाराज हरिद्वार की राजनीति में शक्ति के एक नये केंद्र के रुप में उभर रहे हैं। महाराज की हरिद्वार में बढती सक्रियता और संगठन के उनके साथ खड़े हो जाने से मैदान के इस क्षेत्र में राजनीति नये तरीके से धुर्वीकृत होती दिखाई दे रही है।जिसका असर भविष्य में दिखाई देना तय है।
मेयर विवाद के बाद महाराज ने जो तेवर दिखाए उसके आगे संगठन को झुकना पड़ा। और महाराज की ‘जिद’ के बाद पूरा मामला अनुशासन समिति को भेजना पड़ा।इस मामले में संगठन पर महाराज का इतना दबाव दिखा कि उसने इस फैसले से पूर्व दूसरे पक्ष की सहमति लेना भी उचित नहीं समझा।लेकिन महाराज अब भी इस मामले को यूं ही खत्म होने नहीं देना चाहते। अनुशासन समिति के निर्णय की प्रतिक्षा किये बगैर वह विरोधियों को विधिक व सांविधानिक दंड के रास्ते भी तलाश रहे हैं।महाराज की मांग पर आईएएस नितिन भदौरिया द्वारा महाराज के आश्रम के बाहर कूड़ा डालने वाले निगम कर्मियों की तलाश शुरू कर दी गई है।यह संगठन व क्षेत्रीय राजनीति में महाराज के बढते प्रभाव का परिचायक है।
हरिद्वार की राजनीति पिछले करीब दो दशकों से मदन कौशिक के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। वह 2002 से लगातार हरिद्वार से निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंच रहे हैं।इस दौरान वह दो बार मंत्री भी बने।संगठन में अपने ही एक मजबूत विरोधी गुट व मुकाबले में कांग्रेस के होने के बावजूद वह अबतक ‘अविजित’ बने हुए हैं। लेकिन पिछले दिनों हुए घटनाक्रम ने उनके तेज को प्रभावित किया है।महाराज के समर्थन में संगठन, सांसद व चार विधायकों के खुलकर खड़े हो जाने से मदन कौशिक अब क्षेत्र की राजनीति में अलग-थलग पडते दिखाई दे रहे हैं। महाराज ने हरिद्वार में जलभराव की समस्या का निदान पर्यटन विभाग के पैसे से कराने का ऐलान कर एक तरह से नगर विकास मंत्री को सीधी चुनौती दी है।
सिर्फ इतना ही नहीं अभीतक केवल अपने आश्रम तक ही सीमित रहने वाले महाराज अब पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय की सीमाएं लांघ हरिद्वार की समस्याओं का निरिक्षण कर अधिकारियों को उनके निदान के आदेश दे रहे हैं। महाराज की हरिद्वार की राजनीति में बढती सक्रियता व उनकी छत्रछाया में कौशिक विरोधियों का एकजुट हो जाना इस बात का संकेत है कि अब मैदान की इस सीट पर राजनीतिक परिदृश्य बदलने जा रहा है।जिसमें मदन कौशिक महाराज की सेना के बीच अभिमन्यु की भांति अकेले जूझते दिखाई दे रहे हैं।