Ad
Ad

अब गुलामी नजर नहीं आती बाबा रामदेव को!

जिन मुद्दों पर कांग्रेस को घेरते थे, अब भाजपा के साथ मौन

यूपीए-2 सरकार के दौरान योगगुरू और भारतवर्ष के बड़े कारोबारियों में शामिल हो चुके रामदेव तब मनमोहन सिंह सरकार पर हमला करने के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में भी खूब बयान देते थे। रामदेव ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प भी लिया था और देशभर में घूम-घूमकर अब की बार मोदी सरकार के नारे को फलीभूत करने का भी काम किया। रामदेव ने तन, मन और खूब सारे धन से मोदी के अभियान की मदद की। वर्तमान में कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर एक क्वींस बेटन देशभर में घुमाई जा रही है और तमाम सरकारें उस बेटन को अपने सर पर रख घुमा रही हैं।
२००९ में जब दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स हो रहे थे तो रामदेव ने लगातार कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन पर सवाल खड़े किए कि कॉमनवेल्थ गुलामी की निशानी है और ये उन देशों में होती है, जो देश कभी अंग्रेजों के गुलाम रहे हैं। रामदेव ने तब फोटो सहित उदाहरण रखे थे कि जिस खेल गांव में ये आयोजन हो रहे हैं, उस ग्राउंड में जगह-जगह पर कंडोम वेंडिंग मशीन लगा रखी है, जिससे यह साबित हो रहा है कि यहां कोई खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सेक्स प्रतियोगिता हो रही है। रामदेव की इस बात के बाद पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ और माहौल बना कि आखिरकार गुलामी की निशानी इस क्वींस बेटन और कॉमनवेल्थ की गुलामी के साथ-साथ इस प्रयोग की सेक्स प्रतियोगिता का क्या औचित्य? समय बदला, देश के विभिन्न राज्यों के साथ केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार मौजूद है। रामदेव का पूरा ध्यान अब अपने व्यापार पर है। अब उन्हें क्वींस बेटन की गुलामी नजर नहीं आती और न ही वे सरकारों पर नैतिकता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।

Read Next Article Scroll Down

Related Posts