पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

कंकालों पर जुबानी जंग

October 22, 2016
in पर्वतजन
ShareShareShare

उत्तराखंड के केदारनाथ क्षेत्र में अब मिल रहे नर कंकालों पर राज्य के सत्तापक्ष व विपक्ष में जो जुबानी जंग चल रही है वह इस अति गंभीर व संवेदनशील मामले को हल्का बनाने का सुनियोजित प्रयास है । क्योंकि इस हमाम में दोनों नंगे हैं । कांग्रेस की तब सरकार थी और इसके लिए जिम्मेदार तब के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा अब भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं । जब 2013 में इस आपदा के बाद राज्य का सत्तापक्ष और विपक्ष राहत पहुंचाने या न पहुँचाने की बहसों में उलझा था , मैंने एक लेख लिख कर बताया था कि 2013 में उत्तराखंड में आई आपदा के बाद चला रेस्क्यू अभियान दुनिया में अब तक चला एकमात्र  ऐसा रेस्क्यू अभियान है जिसमें मृतकों की लाशों को तलासने का कोई काम किया ही नहीं गया । मैंने तब लिखा था कि इस आपदा में मरे लगभग 20 हजार लोगों की सही संख्या का कभी भी पता नहीं चल पाएगा ।

रेस्क्यू टीमों द्वारा उस दौरान उन्हीं लाशों को बरामद किया गया जो रास्तों के पुनर्निमाण के दौरान रास्तों पर मिट्टी के ऊपर दिख गए । नदियों में बहे और मलवे में दबी लाशों को तलासने का काम कभी हुआ ही नहीं । यही नहीं , जान बचाने को सुरिक्षित जगहों की तलाश में जंगलों में भटक कर भूखे , प्यासे और ठण्ड में फंसे लोगों को जीवित या उनकी लाशों को भी तलासने का कोई काम उस रेस्क्यू अभियान का हिस्सा नहीं था । कई पत्रकार मित्रों ने जान जोखिम में डाल कर केदार घाटी में हफ्तों से खुले में पड़ी कुत्तों व जंगली जानवरों द्वारा नोची जा रही मानव लाशों की फ़ोटो दुनिया के सामने रखी । पर हमारी तत्कालीन सरकार ने उस और से भी आँखें मूद रखी थी ।

हेलीकॉप्टरों की उड़ान जगह – जगह इकट्ठा हो चुके पीड़ितों को लाने या उन तक भोजन पहुंचाने तक सीमित थी । मगर जान की सुरक्षा के लिए जंगलों में भटक रहे लोगों को तलासने के लिए हेलीकॉप्टरों ने संभावित जंगलों के ऊपर एक भी तलासी उड़ान नहीं भरी । कास ! अगर ऐसा हुआ होता तो मौत के उस तांडव के बीच जीवन की तलाश में भटक कर फिर मौत के मुह में जा रहे इन लोगों में से शायद हम सैकड़ों या हजारो को बचा पाते । या फिर मृत लोगों की लाशों को ही सही , उसी वक्त बरामद कर लेते ।

आज तीन साल से ज्यादा समय बाद जंगलों में मिल रहे नर कंकाल हमारे सुरक्षा तंत्र व वन विभाग की कार्यप्रणाली की भी पोल खोल रहे हैं कि कैसे बिना जंगलों में गए यह विभाग देश की सुरक्षा , जंगलों व वन्यजीवों की रक्षा के नाम पर वेतन भत्ते और कार्य योजनाओं की धनराशि को हड़प रहें है । इन तीन वर्षों में एक भी सुरक्षाकर्मी या वन कर्मी इस क्षेत्र में गया ही नहीं जो सीमा के नजदीक होने के कारण अति संवेदनशील क्षेत्र भी है ।

कब चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में घुस गए इस पर हमारी सेना से इतर रात दिन नजर गड़ाकर युद्धोन्माद और कम्युनिस्ट विरोध की राजनीति कर रहे तथाकथित देशभक्तों की नजर इन तीन सालों में अपने देश वासियों के इन कंकालों पर क्यों नहीं पड़ी ? इस लिए कि इन कंकालों को दिखाकर देश में साम्प्रदायिक विभाजन और युद्धोन्माद की राजनीति को बढ़ाने की कोई संभावना नहीं है ? तब केदारनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव राज्य सरकार को देने वाले गुजरात के  तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन लाशों को तलासने में मदद की कोई पेशकस या कोशिश अब तक क्यों नहीं की जबकि अब वे देश के प्रधानमंत्री हैं ? क्या तब सारे गुजरातियों को सुरक्षित ले आने का दावा करने वाले नरेंद्र मोदी दावे से कह सकते हैं इन नर कंकालों में कोई गुजराती का कंकाल नहीं है ?

शर्म आती है हमें कि हमारे शासक भारत का इक्कीसवीं सदी में होने और दुनिया का विकसित राष्ट्र बनने का दम्भ भर रहे हैं । आतंकवाद के खिलाफ हमारी सेना द्वारा की जाने वाली नियमित कार्यवाही को सर्जिकल स्ट्राइक का नया नाम दे सेना के राजनीतिक इस्तेमाल में लगी मोदी सरकार क्या हमारी सीमा के इतने नजदीक पड़े इन नर कंकालों को तलासने के लिए भी कोई सर्जिकल स्ट्राइक करेगी ?

नोट – लेखक ‘ पुरुषोत्तम शर्मा’  ” विप्लवी किसान सन्देश ” पत्रिका के संपादक और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव हैं ।


Previous Post

इंदू जी इंदू जी क्या हुआ आपको...

Next Post

केंद्र सरकार ने 11 हजार से अधिक एनजीओ की मान्यता रद्द की

Next Post

केंद्र सरकार ने 11 हजार से अधिक एनजीओ की मान्यता रद्द की

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • बिग ब्रेकिंग: कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले ..
  • हाईकोर्ट सख्त: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर SSP से मांगी रिपोर्ट। अभद्र पोस्टों की जांच के निर्देश..
  • बड़ी खबर : गोल्डन कार्ड धारकों की परेशानी जल्द होगी दूर। स्वस्थ मंत्री ने दिए सख्त निर्देश..
  • अपराध : तमंचे के बल पर नाबालिग से दुष्कर्म। आरोपी गिरफ्तार ..
  • हाइकोर्ट न्यूज: हेलीकॉप्टर लीज घोटाले में 9.5 लाख रुपये लौटाने का आदेश..
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!