नीरज उत्तराखंडी
नौगांव, उत्तरकाशी
छोटी होली के दिन उत्तरकाशी के नौगांव कस्बे से गायब हुई 9 साल की बच्ची आखिरकार पास के ही कबाड़ी बस्ती से बरामद हो गई।
एक मार्च को नौगांव कस्बे से एक बच्ची दुकान से बेसन और रंग लेने के लिए घर से निकली थी लेकिन फिर घर नहीं पहुंची। एक घंटे बाद जब घरवाले बच्ची को ढूंढने निकले तो बच्ची को कहीं न पाकर क्षेत्र में तनाव फैल गया।
लोगों ने फौरन बाहरी लोगों की क्षेत्र में आवाजाही को लेकर पुलिस पर सवाल खड़े कर दिए और तनाव के दौरान कस्बे के दो वाहनों को भी आग लगा दी। क्षेत्र में तनाव फैलने के बाद पुलिस सतर्क हो गई और युद्धस्तर पर बच्ची की खोज शुरू हुई तो पास के ही देवरसारी खड्ड के पास कबाड़ियों के घर से बच्चे की रोने की आवाज सुनकर लोगों ने वहां का ताला तोड़ा तो बच्ची बरामद हो गई। बच्ची के बरामद होने के बाद से स्थानीय लोग बाहरी कबाड़ियों के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।
गौरतलब है कि ये पिछले 20 साल से वहां रह रहे हैं । बच्ची का अपहरण करने वाला अंशुल पकड़ा गया है। पुरोला के एस ओ भारत सिंह चौहान ने बताया कि अंशुल के खिलाफ पोक्सो एक्ट सहित अपहरण की धाराएं और जान से मारने से संबंधित धाराएं दर्ज की जा रही हैं। बच्ची को उत्तरकाशी लाकर मेडिकल कराया गया है।
आरोप है कि पुलिस अंशुल को बचाने के लिए उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त बताने की कोशिश कर रही है। हालांकि सच क्या है यह तो अंशुल की मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा फिलहाल पुलिस नौगांव में लोगों के तनाव को थामने में लगी हुई है।
बच्ची के गले में रस्सी के निशान पाए गए। यहां रहने वाले कबाड़ी फरार हो गए हैं। संभवतः क्षेत्र में फैलते तनाव और पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते कबाड़ी बच्ची को वहीं छोड़ खुद भाग खड़े हुए।
बच्ची के पिता चकराता के निवासी हैं और फिलहाल नौगांव में ही रहते हैं। हालांकि बच्ची के बरामद होने के बाद भी क्षेत्र में तनाव है और क्षेत्रवासी फेरी वालों का और कबाड़ियों का सत्यापन आदि न करने को लेकर पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं। इस क्षेत्र में बाहरी लोग अक्सर आइसक्रीम, टॉफी आदि के बहाने बच्चों को फुसलाते हैं और 5 साल से 10 साल के बच्चों को आसानी से अपना शिकार भी बना लेते हैं।
ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में उपराष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों के लिए नौगांव के एस. आई. की ड्यूटी भी लगाई गई है। लिहाजा पुरोला से पुलिस अधिकारियों को आकर कमान संभालनी पड़ी।