राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना में उत्तराखंड को मिले चार पुरस्कार
विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उत्कृष्ट राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत स्वदेशी पशुओं को प्रोत्साहित करने एवं उनके बेहतरीन ढंग से संरक्षण एवं संवर्धन करने पर उत्तराखंड ने चार पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इससे उत्तराखंड के पशुपालन विभाग में ऊर्जा का संचार हुआ है।
यह प्रतियोगिता पशुपालन विभाग, कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अक्टूबर 2017 से फरवरी 2018 तक आयोजित की गई, जिसमें भारत के समस्त राज्यों को 5 जोन में विभाजित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्री भारत सरकार के निर्देश के क्रम में यह प्रतियोगिता आयोजित की गई।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत देशी पशुओं के संरक्षण एवं संवर्धन को प्रोत्साहित करने में बेहतरीन काम करने के लिए उत्तराखंड को राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना का क्रियान्वयन करने वाले राज्यों में उत्कृष्ट राज्य, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता, कामधेनु रत्न एवं गोपाल रत्न सहित कुल चार पुरस्कार मिले।
पर्वतीय एवं पूर्वोत्तर की श्रेणी में सम्मिलित 11 राज्यों में उत्तराखंड राज्य ने उत्कृष्ट राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत यह पुरस्कार हासिल किए। 1 जून 2018 को विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारत सरकार के कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्री द्वारा उक्त प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन राज्य पुरस्कार में उत्तराखंड को प्रथम पुरस्कार मिला, जो कि पशुपालन निदेशक डा. के.के. जोशी ने ग्रहण किया। उत्कृष्ट राज्य राष्ट्रीय गर्भाधान योजना के लिए उत्तराखंड को प्रथम पुरस्कार के रुप में 51 हजार रुपये से पुरस्कृत किया गया।
इसी तरह उत्कृष्ट कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार डॉक्टर मनोज कुमार जोशी पशु चिकित्सा चिकित्सा अधिकारी पशु चिकित्सालय सदर पिथौरागढ़ को 51000 की धनराशि से पुरस्कृत किया गया।
द्वितीय पुरस्कार के रुप में ₹21000 की धनराशि से प्रोत्साहित किया गया, जो कि पिथौरागढ़ मूनाकोट के पशु चिकित्सालय में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर लाल सिंह सामंत को प्रदान किया गया।
इसके अलावा राष्ट्रीय गोपाल पुरस्कार में द्वितीय पुरस्कार के रुप में 3 लाख की धनराशि बेरियादौलत बाजपुर उधमसिंहनगर की किरण रानी को प्रदान किया गया।
पशुपालन निदेशक डा. के.के. जोशी कहते हैं कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत पशुपालन विभाग स्थानीय नस्ल की गायों के संरक्षण व संवद्र्धन को लेकर कई योजनाएं चलाकर विशेष प्रयास कर रहा है। खासतौर से उत्तराखंड की बद्री गाय जो कि एनबीजीएआर हिसार द्वारा घोषित की गई है, के संवद्र्धन के लिए फील्ड परफोरमेंस रिपोर्ट (एफपीआर) तैयार हो रही है। इसके लिए एक हजार बद्री गायों की रिपोर्टिंग हो रही है। इनमें से ऐसी गायों की छंटनी की जाएगी जो 5 से 6 लीटर से अधिक दूध देने वाली गायें हैं। ऐसी गायों की ब्रीडिंग की जाएगी। इसके लिए चंपावत जिले के नरियाल गांव में केंद्र स्थापित किया गया है।
डा. जोशी कहते हैं कि इस प्रयोग के सफल रहने के बाद उत्तराखंड के पशुपालकों में जबर्दस्त क्रांति आने की उम्मीद है। उत्तराखंड के प्रयास को केंद्र द्वारा सराहे जाने और केंद्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिलने से पशुपालन विभाग के मनोबल में इजाफा हुआ है और हम निश्चित रूप से यह लक्ष्य प्राप्त करने में सफल रहेंगे।
डा. जोशी कहते हैं कि इस प्रयोग के सफल रहने के बाद उत्तराखंड के पशुपालकों में जबर्दस्त क्रांति आने की उम्मीद है। उत्तराखंड के प्रयास को केंद्र द्वारा सराहे जाने और केंद्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिलने से पशुपालन विभाग के मनोबल में इजाफा हुआ है और हम निश्चित रूप से यह लक्ष्य प्राप्त करने में सफल रहेंगे।
इस संबंध में सचिव पशुपालन डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदररम का कहना है कि पशुपालकों की आय 2 साल में दोगुनी करने का जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, उसको समय से पूर्व पूरा करने के लिए वह मिशनरी भावना से कार्य करने में जुटे हुए हैं। इससे निश्चित रूप से उत्तराखंड के पशुपालकों की आय में जबरदस्त इजाफा होने की संभावना है।
राज्य को चार-चार पुरस्कार मिलने से उत्साहित पशुपालन मंत्री रेखा आर्य अब पशुपालकों की सोसाइटी बनाकर उनका पंजीकरण सहकारिता समिति में कराने पर जोर दे रही हैं। पशुपालन मंत्री ने कहा कि पशुपालकों के संगठित होने से उनकी आय में वृद्धि होगी और इस क्षेत्र में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
कार्यक्रम में उत्तराखंड पशुपालन विभाग के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, पशुपालन निदेशक डा. केके जोशी, उत्तराखंड लाइवस्टाॅक डेवलपमेंट बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी डॉक्टर डा. मनोज कुमार जोशी, डॉ. लाल सिंह सामंत एवं श्रीमती किरण रानी ने प्रतिभाग किया।